शिमला। हिमाचल में तीन सीटों पर 10 जुलाई को मतदान होगा। बीजेपी ने तीनों सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। कांग्रेस ने आज दो सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया है। बीजेपी ने उपचुनावों में अपने पूर्व प्रत्याशियों को टिकट ना देकर इस बार निर्दलीय विधायकों को टिकट दिया है। ऐसे में बीजेपी को अब अपने पूर्व प्रत्याशियांे सहित अन्य भाजपा नेताओं की बगावत का डर सताने लगा है।
नाराज नेताओं ने ही तोड़ा था भाजपा का मिशन रिपीट का सपना
साल 2022 के विधानसभा चुनावों में भी भाजपा अपने नाराज नेताओं के चलते ही मिशन रिपीट को पूरा नहीं कर पाई थी। वहीं अभी हाल ही में छह बागियों को टिकट देकर अपने नेताओं की बगावत का मोल भाजपा ने चार सीटें हार कर चुका है।
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अब इन तीन सीटों को जीतने के लिए भाजपा को पहले अपने नाराज नेताओं को मनाना होगा, अन्यथा इन तीन सीटों पर भी भाजपा को नाराज नेता बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं।
आशीष का अंदरखाते विरोध कर रहे नरेंद्र
हमीरपुर सीट की बात करें तो यहां आशीष शर्मा को टिकट देने से भाजपा के पूर्व प्रत्याशी नरेंद्र ठाकुर नाराज चल रहे हैं। हालांकि उन्होंने अपने नाराजगी सार्वजनिक रूप से उजागर नहीं की है, लेकिन अंदर खाते वह अपनी ही पार्टी से नाराज हैं।
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नरेंद्र ठाकुर ने 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। भाजपा का यहां मुकाबला इसलिए भी कड़ा है, क्योंकि हमीरपुर मुख्यमंत्री सुक्खू का गृह जिला है।
कांग्रेस छोड़ने की गलती मान चुके हैं लखविंदर
वहीं नालागढ़ में भी भाजपा की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। यहां कृष्ण लाल ठाकुर ने घर वापसी की है और भाजपा ने उन्हें टिकट दिया है। लेकिन केएल ठाकुर को टिकट देने से लखविंदर नाराज चल रहे हैं।
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लखविंदर ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा था और 2022 में बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा था। लेकिन इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला है। लखविंदर राणा हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल के सामने कांग्रेस छोड़ने की गलती को भी स्वीकार कर चुके हैं।
देहरा में धवाला को शांत करना सबसे मुश्किल काम
देहरा विधानसभा क्षेत्र में तो भाजपा की मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं। यहां भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश धवाला ने खुलेआम बगावत कर दी है। देहरा से होशियार सिंह को टिकट देने से रमेश धवाला काफी नाराज हैं।
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भाजपा ने धवाला को जवालामुखी की सीट को छोड़ कर देहरा भेजा था, लेकिन इस बार उन्हें यहां से टिकट नहीं दिया गया है। ऐसे में होशियार सिंह के साथ साथ बीजेपी को यह सीट जीतने के लिए पहले धवाला की जवाला को शांत करना बहुत जरूरी है।
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बता दें कि देहरा से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे होशियार सिंह ने 2017 में भी निर्दलीय जीत हासिल की थी और भाजपा को अपना समर्थन दिया था। इसके बाद होशियार सिंह को 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट की आस थी, लेकिन उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया। जिसके चलते उन्होंने 2022 में भी निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। अब वह बीजेपी के टिकट से चुनाव पड़ रहे हैं।