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July 22, 2024

बदल गई हिमाचल की राजनीति: CM की विधायक पत्नी का शपथग्रहण सम्पन्न

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शिमला : हिमाचल प्रदेश की राजनीति में पिछले छह महीने से चल रही सियासी उठापटक में अब एक ठहराव और शांति सी आई है। लेकिन तय है विधानसभा का अगला मानसून सत्र दिलचस्प और धमाकेदार होने वाला है। सभी सीटों पर उपचुनाव सम्पन्न होने के बाद आज तीन विधायकों ने विधानसभा में पद और गोपनीयता की शपथ ली। देहरा से चुनाव जीत कर आईं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर पर आज सभी की विशेष निगाहें थीं। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए यह ऐतिहासिक समय था, जब वर्तमान मुख्यमंत्री की पत्नी विधायक चुनकर सदन की सदस्य बनी हों।

आशीष शर्मा : दो साल में दूसरी बार विधायक की शपथ

कांग्रेस के सभी विधायक मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता की मौजूदगी में सभी तीन नवनिर्वाचित विधायक का शपथग्रहण समारोह सम्पन्न हुआ। हमीरपुर से भाजपा के चुनाव चिन्ह से जीत कर आए आशीष शर्मा के लिए भी यह राहत भरा समय था। सभी तीन इस्तीफा देने वाले निर्दलिय विधायक में सिर्फ आशीष ही अपनी सीट बचा सके। नालागढ़ सीट से जीत कर आए हरदीप सिंह बावा ने भी शपथ ग्रहण किया।

पिता-पुत्र के बाद पति पत्नी की जोड़ी

विधानसभा में अब जहां एकतरफ चीफ मिनिस्टर और मैडम चीफ मिनिस्टर की जोड़ी देखने को मिलेगी। हालांकि, इसी सदन में पहले पिता और पुत्र एक साथ सदस्य रहे हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद की सरकार में वीभद्र सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह की जोड़ी नजर आ चुकी है । यह भी पढ़ें: 20 दिनों से कमजोर पड़ा मानसून- अब एक साथ बरसेगा: ऑरेंज अलर्ट जारी वहीं, अब पति-पत्नी की जोड़ी के साथ आने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की एक स्थापित और मजबूत नेता की नई छवि भी देखने को मिलेगी। अभी तक के विधानसभा सत्रों के दौरान विपक्ष कमजोर और मजबूर सरकार होने का आरोप लगाकर सरकार को घेरते नजर आए थे।

CM सुक्खू ने पार की अग्निपरीक्षा

तो वहीं अब इन तमाम आरोप और चुनौतियों की अग्निपरीक्षा को वर्तमान सरकार ने सफलतापूर्वक पार कर लिया है। प्रदेश विधानसभा में अभी तक सदस्यों की संख्या 65 थी। सोमवार को तीन नवनिर्वाचित विधायकों द्वारा शपथ लेने के बाद सदस्यों की संख्या 68 हो गई । इनमें कांग्रेस के 40 और बीजेपी के 28 विधायक हैं । सरकार के पास बहुमत से पांच अधिक विधायक हैं।

कब और किस तरह बदला समीकरण

गौरतलब है कि 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव के बाद हिमाचल में सियासी उठापटक का दौर शुरू हुआ था । कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की । इसके बाद व्हिप के उल्लंघन पर कांग्रेस विधायकों के सदस्यता चली गई। वहीं,तीन निर्दलीय विधायकों ने भी अपनी सदस्यता से इस्तीफा दिया । यह भी पढ़ें: तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आया बुजुर्ग: मौके पर उड़े प्राण पखेरू सियासी उठापटक के चलते पहले कांग्रेस विधायकों की सदस्यता जाने से छह सीटों और फिर निर्दलीय विधायकों की इस्तीफे से तीन सीटों पर उपचुनाव हुए। कुल नौ सीटों पर हुए उपचुनाव में छह पर कांग्रेस और तीन पर भाजपा जीती ।

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