शिमला। हिमाचल प्रदेश में तीन विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा-कांग्रेस का प्रचार-प्रसार जोरों पर चला हुआ है। इस बीच धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने प्रदेश की सुक्खू सरकार पर 100 करोड़ रुपए के घोटाले का गंभीर आरोप जड़ा है।
सुधीर शर्मा ने कहा कि बीते माह तीन जून को हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के निदेशक मण्डल ने 175 करोड़ रुपए कीमत का टेंडर 245 करोड़ रुपए में देकर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया है।
सिंगल बिडर टेंडर प्रक्रिया पर वित्त विभाग की आपत्ति
धर्मशाला विधायक ने कहा कि बोर्ड के निदेशक मण्डल की मीटिंग में कई अधिकारी सदस्य नहीं आए थे। क्योंकि वो जानते थे कि टेंडर आवंटन में धांधली होने वाली है।
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कई मुख्य अधिकारियों की अनुपस्थिति होते हुए भी बीओडी ने सिंगल बिडर कंपनी को टेंडर आवंटित कर दिया। जबकि सिंगल बिडर टेंडर प्रक्रिया पर वित्त विभाग पहले से ही आपत्ति लगा चुका है।
2 साल पहले रजिस्टर कंपनी को मिला टेंडर
सुधीर शर्मा ने कहा कि, बीओडी ने वित्त विभाग की आपत्ति को नजरअंदाज करते हुए उत्तर प्रदेश की भारत एंड कॉर्पोरेट लिमटेड कंपनी को टेंडर डे दिया है। उन्होंने आगे कहा कि यह कंपनी साल 2022 में ही रजिस्टर हुई है।
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साथ में सुधीर शर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा कि दो साल पहले रजिस्टर हुई यह कंपनी क्या इस काम को कर पाएगी, जबकि सिंगल टेंडर होने के कारण इसकी निविदाएं दोबारा आमंत्रित की जानी चाहिए थी।
39 प्रतिशत अधिक रेट पर कंपनी को दिया काम
विधायक सुधीर शर्मा ने सुक्खू सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, हो सकता है प्रदेश में चल रहे उपचुनाव के खर्च को निकालने के लिए यह टेंडर आनन-फानन में कंपनी को दिया गया हो। सुधीर ने कहा कि यह टेंडर में 5-7 प्रतिशत नहीं बल्कि 39 प्रतिशत अधिक रेट पर कंपनी को दिया गया है। जो खुले तौर पर कांग्रेस सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार को दर्शाता है।
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बोर्ड के चेयरमैन ने किया खंडन
उधर बिजली बोर्ड के चेयरमैन संजय गुप्ता ने सुधीर शर्मा के आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि, विधायक ने वीडियो क्लिप के माध्यम से जो तथ्य प्रस्तुत कर आरोप लगाए हैं वह पूरी तरह गलत व अधूरे हैं। संजय गुप्ता ने कहा कि बीओडी में सभी सदस्यों के साथ चर्चा कर टेंडर आवंटित करने का फैसला लिया गया था।