कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा स्थित धर्मशाला में आज पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद अनुराग ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला किया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री आरोप लगाते हैं कि पिछली सरकार ने प्रदेश में बहुत सारे स्कूल, कॉलेज और स्वास्थ्य संस्थान खोल दिए, जिससे प्रदेश की स्थिति खराब हो गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि अगर संस्थान खोलने का काम सरकारें नहीं करेंगी, तो उनका काम क्या है?
प्रदेश कांग्रेस के नियंत्रण से बाहर
अनुराग ठाकुर भाजपा के सदस्यता अभियान के तहत कांगड़ा जिले के दौरे पर हैं। आज धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार मान रही है कि, प्रदेश उनके नियंत्रण से बाहर है।
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अगर कांग्रेस को 18 महीनों में ही लग रहा है कि वे प्रदेश नहीं चला सकते, तो राज्य को छोड़ दें ताकि अन्य सरकारें इसे सही से चला सकें। उन्होंने प्रदेश की गंभीर आर्थिक स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए, नहीं तो अगली सरकार के लिए भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
95,000 करोड़ रुपए तक पहुंचा कर्ज
अनुराग ठाकुर ने कहा कि 2021 में प्रदेश पर 61,000 करोड़ रुपए का कर्ज था, जो अब बढ़कर 95,000 करोड़ रुपए हो गया है। पिछले 75 सालों में जितना कर्ज लिया गया था, उसका आधा कर्ज मौजूदा सरकार ने डेढ़ साल में ही ले लिया है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि, अगर कांग्रेस सरकार अपने पांच साल पूरे करती है तो हिमाचल पर डेढ़ लाख करोड़ रुपए तक कर्ज हो जाएगा।
केंद्र से भेजी गई धनराशि का नहीं हुआ सही उपयोग
पूर्व केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, यह आर्थिक कुप्रबंधन प्रदेश को दिवालियापन की ओर धकेल रहा है।
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उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र से आपदा के दौरान भेजी गई धनराशि का सही उपयोग नहीं हो पाया। सांसद अनुराग ठाकुर ने राज्य के कर्मचारियों और पेंशनर्स को समय पर वेतन न मिलने पर भी अपनी नाराजगी जताई और इसे कांग्रेस सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन का परिणाम बताया।
कांग्रेस की कथनी और करनी में बहुत बड़ा अंतर
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में बहुत बड़ा अंतर है। 2022 में चुनावी वादों से जनता को गुमराह करके सत्ता तो हासिल कर ली, लेकिन अब सरकार चलाना उनके बस की बात नहीं रही।
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अनुराग ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब राज्य के 2 लाख कर्मचारियों और 1.5 लाख पेंशनर्स को वेतन और पेंशन पांच से दस तारीख के बीच मिली हो, जो कांग्रेस के आर्थिक कुप्रबंधन का नतीजा है।