शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार इस 27 अगस्त से शुरू होने वाले मानसून सत्र में हिमाचल विधानसभा सदस्य, पूर्व MLA पेंशन संशोधन विधेयक लाने जा रही है। जिसके चलते कांग्रेस के 6 पूर्व विधायक जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी उनकी पेंशन पर संकट मंडरा गया है।
इस बिल में क्या होगा
पेंशन संशोधन विधेयक में 14वीं विधानसभा में दिसंबर माह में चुनकर आए 6 विधायक जिन्हें निष्कासित कर दिया गया था उनके कार्यकाल को अवैध घोषित करने की तैयारी है। जिसके चलते पूर्व विधायकों की इस टर्म की पेंशन पर खतरा मंडरा रहा है।
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इन पूर्व माननीय की पेंशन खत्म
जानकार बता रहे हैं कि 3 निर्दलीय विधायकों की पेंशन पर तलवार अटकी हुई है। पिछले कल कैबिनेट में इस विषय को लेकर चर्चा हुई है। विधानसभा में संशोधन विधेयक लाकर इसे लागू कर सकती है।
निर्दलीय विधायकों में देहरा से होशियार सिंह, नालागढ़ से केएल ठाकुर और हमीरपुर से आशीष शर्मा पर इस टर्म की पेंशन मिलने में दिक्कत हो सकती है। वहीं, कुटलैहड़ के पूर्व MLA देवेंद्र भुट्टो और गगरेट से पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा की पेंशन पर भी गाज गिर सकती है।
संशोधन विधेयक आसानी से होगा पास
विधानसभा में विधेयक पारित करने में कांग्रेस को ज्यादा कठिनाई नहीं होगी क्योंकि 68 विधायकों में से कांग्रेस के पास 40 विधायक है और बीजेपी के पास 28- जिससे बिल पास करना आसान होगा। इस बिल के पास होने से सुजानपुर से पूर्व विधायक राजेंद्र राणा, लाहौल स्पीति से पूर्व विधायक रवि ठाकुर, बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल और धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा की इस टर्म की पेंशन रुक सकती है।
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क्रॉस वोटिंग से जुड़ा है मुद्दा
हिमाचल में हुए राज्यसभा चुनाव के बाद से प्रदेश की राजनीति उफान पर रही। क्रॉस वोटिंग के चलते कांग्रेस के 6 विधायकों को विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें निष्कासित किया। वहीं, 3 निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा दिया था।