शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट आज CPS मामले में अपना फैसला सुना सकता है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की बैंच फैसला सुनाएंगे। इससे पहले हाईकोर्ट बीते जनवरी CPS द्वारा मंत्रियों जैसी शक्तियों का उपयोग ना करने के अंतरिम आदेश सुना चुका है।
6 विधायकों को बना रखा है CPS
आपको बता दें कि, सुक्खू सरकार ने 6 विधायकों को CPS बना रखा है। उनमें रोहडू के MLA ML ब्राक्टा, कुल्लू के सुंदर सिंह ठाकुर, अर्की के संजय अवस्थी, पालमपुर के आशीष बुटेल, दून के राम कुमार चौधरी और बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल शामिल हैं। सुक्खू सरकार इन्हें गाड़ी, दफ्तर, स्टाफ और मंत्रियों के समान वेतन दे रही है।
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इसे लेकर कल्पना नाम की एक महिाल और BJP के 11 विधायकों और पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था ने CPS की नियुक्त को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में सुक्खू सरकार को चुनौती दी हुई है। हालांकि, इस मामले की सुनवाई जून महीने में पूरी हो चुकी है और अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा हुआ है।
CPS मामले में आ सकता है फैसला
वहीं, मामले को लेकर सुक्खू सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस केस को दूसरे राज्यों के CPS मामलों के साथ क्लब करने का आग्रह कर चुकी है। मगर सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल हाईकोर्ट में ही केस की सुनवाई के आदेश दिए थे। उधर, आज इस फैसले पर हाईकोर्ट से फैसला आ सकता है।
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विधायकों को मिल रहे लाभ
हाईकोर्ट में दायर याचिका में हिमाचल संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियां, विशेषाधिकार और सुविधाएं) एक्ट, 2006 को रद्द करने की मांग की गई। दरअसल, राज्य सरकार ने इसी एक्ट के तहत 6 कांग्रेसी विधायकों को CPS तैनात कर रखे हैं। याचिका में कहा गया है कि-
- CPS बनाए गए सभी 6 कांग्रेसी विधायक लाभ के पदों पर तैनात हैं।
- इन कांग्रेसी विधायकों को हर महीने 2 लाख 20 हजार रुपए वेतन और भत्ता मिल रहा है।
- विधायक राज्य के मंत्रियों के बराबर वेतन और अन्य सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं।