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August 24, 2024

सिर्फ 1 रुपया लेंगे गोकुल बुटेल: सैलरी छोड़ने पर कही ये जरूरी बात

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शिमला। हिमाचल प्रदेश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान सलाहकार आईटी (कैबिनेट रैंक) गोकुल बुटेल ने सैलरी ना लेने का फैसला किया है। गोकुल बुटेल अब सरकार से सिर्फ वेतन के रूप में मात्र एक रुपया लेंगे। गोकुल बुटेल का यह फैसला काफी सराहनीय माना जा रहा है और इसकी हर तरफ चर्चा भी हो रही है।

गोकुल बुटेल ने छोड़ा 2.5 लाख मासिक वेतन

वित्तीय संकट से जुझ रही प्रदेश सरकार ने संसाधन जुटाने के लिए सभी वर्गों से आग्रह किया था। सरकार के इसी आग्रह को देखते हुए युवा नेता गोकुल बुटेल सबसे पहले आगे आए हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार की ओर से मिलने वाले 2.5 लाख मासिक वेतन को छोड़ कर एक मिसाल कायम कर दी है। वे हर महीने वेतन के रूप में महज 1 रुपये टोकन मनी के तौर पर लेंगे। गोकुल बुटेल की लिखी चिट्ठी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। यह भी पढ़ें: जानें माननीयों को कितना मिलता है वेतन और भत्ते, कर्मचारी क्यों उठा रहे सवाल

दिसंबर 2023 से ले रहे एक रुपए वेतन

दरअसल गोकुल बुटेल ने अपने इस निर्णय को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक पत्र लिखा था। जिसको लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने शनिवार को इस बावत आदेश जारी कर दिए हैं। गोकुल बुटेल ने बताया कि उन्होंने पिछले साल 2023 में आई प्राकृतिक आपदा के बाद ही अपना वेतन और भत्तों को छोड़ने का निर्णय लिया था। लेकिन आज इसको लेकर आदेश जारी हो गए हैं। गोकुल बुटेल ने बताया कि वह दिसंबर 2023 से वेतन और भत्ते के रूप में एक रुपया ले रहे हैं।

कौन है गोकुल बुटेल?

बता दें कि गोकुल बुटेल कांग्रेस के राष्ट्रीय सह-सचिव और मुख्यमंत्री के प्रधान आईटी सलाहकार (कैबिनेट रैंक) हैं। इससे पहले वह पूर्व मुख्यमंत्री स्व वीरभद्र सिंह के भी आईटी सलाहार रह चुके हैं। हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी आलाकमान ने इन्हें वॉर रूम की जिम्मेदारी भी सौंपी थी। गोकुल बुटेल को हरियाणा में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस वॉर रूम की जिम्मेदारी भी दी गयी है। गोकुल बुटेल राहुल गांधी की टीम के सदस्य हैं। यह भी पढ़ें: 4 साल के बेटे के सिर से उठा पिता का साया, पत्नी का उजड़ गया सुहाग

गोकुल बुटेल ने पेश की मिसाल

बता दें कि ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है जब कोई राजनेता जनता और प्रदेश के लिए अपने सामाजिक हितों को छोड़ देते हैं। लेकिन गोकुल बुटेल ने अपना वेतन और भत्ते छोड़ कर राजनीति के क्षेत्र में एक बड़ी मिसाल कायम की है। यह भी पढ़ें: स्क्रब टायफस ने डराए लोग, मां-बेटे की जान जाने के बाद अलर्ट पर स्वास्थ्य महकमा

गोकुल बुटेल ने सीएम सुक्खू को लिखे पत्र में क्या कहा था

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को लिखे पत्र में गोकुल बुटेल ने कहा था कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। कठिन वित्तीय हालातों से राज्य सरकार गुजर रही है। ऐसे में वह चाहते हैं कि सरकार से उन्हें मिलने वाले वेतन और भत्तों को वह ना लें। वह दिसंबर महीने तक वेतन नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सामने चुनौतीपूर्ण समय है और ऐसे समय में वह अपनी ओर से मदद करना चाहते हैं। यह भी पढ़ें: CM सुक्खू को किसने दिया OPS बंद करने का सुझाव: क्या पहली गारंटी से भी पलट जाएंगे ?

प्रदेश पर बढ़ रहा कर्ज का बोझ

बता दंे कि हिमाचल इस समय वित्तिय संकट से जुझ रहा है। प्रदेश के आर्थिक हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। प्रदेश सरकार को हर माह कर्ज लेना पड़ रहा है। प्रदेश पर 93 हजार करोड़ के करीब का कर्ज हो गया है। इसके अलावा कर्मचारियों की 10 हजार के करीब देनदारियां बाकी हैं। इसी बीच प्रदेश में पिछले दो सालों से लगातार आई प्राकृतिक आपदा से भी प्रदेश की आर्थिकी को नुकसान पहुंचा है। यह भी पढ़ें: मंत्री राजेश धर्माणी ने मारी पलटी: कहा- ‘मैंने ऐसा नहीं बोला था’, जानें किस पर जड़े आरोप

कर्मचारी वर्ग भी उठा रहा माननीयों की सुविधाओं का मुद्दा

इस सब के बीच अब कर्मचारी वर्ग अपने लंबित डीए और एरियर को लेकर प्रदर्शन कर रहा है। कर्मचारी वर्ग लगातार नेताओं और माननीयों को मिलने वाली सुविधाओं के मुद्दों को उठा रहा है। कर्मचारी वर्ग का कहना है कि सुक्खू सरकार अपने मंत्रियों और विधायकों को तो हर सुख सुविधाएं प्रदान कर रहा है, लेकिन कर्मचारियों की देनदारियों को देने के समय आर्थिक संकट का रोना रो रहे हैं। गोकुल बुटेल का यह फैसला इन सभी मुद्दों को जोड़कर भी देखा जा रहा है।

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