शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश को पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (PDNA) के तहत केंद्र से मिलने वाली सहायता को लेकर केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करने की बात कहते हुए स्पष्ट किया है कि, यदि उनके इन प्रयासों के बाद भी केंद्र सरकार से सहायता नहीं मिलती है तो राज्य सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाएगी।
कई राज्यों ने लिया है सुप्रीम कोर्ट का सहारा
बीते कल यानी शनिवार को विधानसभा में कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर द्वारा नियम-130 के तहत लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने यह बयान दिया।
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इस दौरान सदन में विपक्ष के विरोध और हंगामे का माहौल रहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई राज्यों ने केंद्र से सहायता प्राप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का सहारा लिया है और हिमाचल भी इसी रास्ते पर चलने को तैयार है।
रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट में भी की गई कटौती
सीएम ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि भाजपा ने न केवल आपदा के समय प्रदेश का साथ नहीं दिय बल्कि अब PDNA के तहत सहायता की मांग में भी राज्य सरकार के प्रयासों में बाधा डाल रही है।
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मुख्यमंत्री ने भाजपा पर प्रदेश और जनता के साथ असहयोगात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल को केंद्र से मिलने वाली रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट में भी कटौती की गई है।
खैरात नहीं बल्कि राज्य का हक है
साथ ही उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि 2020-21 में यह राशि 11,431 करोड़ थी जो 2025-26 तक घटकर केवल 2,575 करोड़ रह जाएगी।
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उन्होंने कहा कि राज्य को 2023 की आपदा के दौरान 9,905.77 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष और 12,000 करोड़ रुपए से अधिक का परोक्ष नुकसान हुआ। उन्होंने जोर देकर कहा कि PDNA के तहत मांगी गई राशि कोई खैरात नहीं है बल्कि राज्य का हक है।
सौतेला व्यवहार करने का आरोप
इससे पहले विधायक चंद्रशेखर ने केंद्र सरकार पर हिमाचल के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए भाजपा से सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा इस सहायता को दिलाने में मदद करती है तो सरकार इसका श्रेय भाजपा को देने को तैयार है।