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October 26, 2024

हिमाचल सरकार के नए फरमान पर घमासान, CM बोले- आपने नहीं देखा चिट्ठी का दूसरा पार्ट

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में 2 साल से खाली पड़े पदों को समाप्त करने के निर्णय ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। वित्त सचिव के आदेशों के बाद कांग्रेस सरकार सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना कर रही है। इस विवाद के बीच, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मीडिया से बातचीत कर अपनी स्थिति स्पष्ट की।

नहीं किए गए पद समाप्त

सीएम सुक्खू ने कहा कि जिन पदों को समाप्त किया जा रहा है, उनकी आज कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि वित्त विभाग ने अन्य आदेश भी जारी किए हैं, जिनमें विभागों से यह पूछा गया है कि वर्तमान में किन-किन पदों की जरूरत है। अगले वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में आवश्यक पदों को शामिल किया जाएगा। लेकिन, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सोशल मीडिया पर केवल पदों की समाप्ति का ही जिक्र किया जा रहा है।  

पदों में बदलने की प्रक्रिया जारी

सुक्खू ने उदाहरण देते हुए कहा कि टाइपिस्ट जैसे पद अब अप्रासंगिक हो चुके हैं और इन्हें क्लर्क और जेओए आईटी जैसे पदों में बदलने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने इसे एक सामान्य प्रक्रिया बताते हुए कहा कि पूर्व भाजपा सरकारों में भी ऐसे आदेश जारी होते रहे हैं। उन्होंने 2012 में धूमल सरकार का उल्लेख किया, जब पद समाप्त करने की नोटिफिकेशन जारी की गई थी। CM सुक्खू ने कहा कि चिट्ठी का दूसरा पार्ट पलट कर नहीं देखा गया है। यह भी पढ़ें: हिमाचल : बचपन में खोई आखों की रोशनी, नहीं मानी हार, NET किया क्वालीफाई

हिमाचल में हो रही इन पदों पर भर्तियां

सीएम ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार रोजगार सृजन की दिशा में सक्रिय है। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में 19,103 पद भरे जा रहे हैं, जिनमें शिक्षा विभाग में 5,861 पदों की भर्तियां चल रही हैं। स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों और मरीजों के अनुपात को संतुलित किया जा रहा है, जबकि पुलिस, वन विभाग, जल शक्ति और पीडब्ल्यूडी में भी बड़े पैमाने पर भर्तियां की जा रही हैं।

सरकार के खिलाफ भड़के बेरोजगार

इस बीच, प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने चेतावनी दी है कि दिवाली के बाद सरकार के इस निर्णय के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही दो साल से भर्तियां बंद कर रखी हैं और अब पदों को समाप्त करना गलत है। बालकृष्ण ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।

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