शिमला। हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार दिसंबर में अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे करने जा रही है। इसी बीच सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने "गांव के द्वार" कार्यक्रम की शुरुआत की घोषणा की है।
गांव में बिताएंगे रात
सीएम सुक्खू ने इस योजना के बारे में बताया कि सीएम और अन्य मंत्री पंचायतों में रात बिताकर स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे। इस कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ 26 अक्टूबर को जिला शिमला के डोडरा क्वार में होगा। जहां लोगों के साथ रात बिताकर वहां की जन समस्याओं को सुना जाना है।
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प्रशासनिक टीम भी रहेगी शामिल
इस योजना के तहत सभी कैबिनेट मंत्रियों को नवंबर से नियमित रूप से गांवों में प्रवास करने का निर्देश दिया जाएगा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों की टीम भी साथ रहेगी, ताकि ग्रामीणों की समस्याओं को सीधे समझा जा सके। अधिकारियों का मानना है कि इस पहल से छोटी-छोटी समस्याएं भी समय पर सुलझाई जा सकेंगी, जिससे लोगों का जीवन बेहतर होगा।
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जनमंच के बाद नया कार्यक्रम
इससे पहले, भाजपा सरकार के दौरान "जनमंच" का आयोजन होता था, जिसमें मंत्री और अधिकारी ग्रामीणों की शिकायतों का निपटारा करते थे। कांग्रेस ने उस समय इस कार्यक्रम का विरोध किया था, और अब वह अपनी नई योजना "गांव के द्वार" के माध्यम से एक नया दृष्टिकोण पेश कर रही है।
योजनाओं का भी होगा प्रचार
गांव के द्वार कार्यक्रम के अंतर्गत, सभी सरकारी विभागों को अपनी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने का भी आदेश दिया गया है। इसके लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे, जिसमें विभागों को अपने कामकाज और जनहित योजनाओं की जानकारी विभिन्न माध्यमों से साझा करनी होगी। बता दें कि कांग्रेस सरकार का यह नया कदम ग्रामीण विकास को प्राथमिकता देने और स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास है।