शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राज्य में एक और पहल शुरू की है। जिसके माध्यम से गरीब और असहाय माता-पिता के बच्चों को सरकार वित्तीय सहायता देने जा रही है। बता दें कि राज्य में एक नई पहल, 'मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना' की घोषणा की गई है।
इनको मिलेगा योजना का लाभ
इस योजना का उद्देश्य असहाय माता-पिता के बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। सरकार हर महीने 1,000 रुपये का अनुदान देगी, जिससे विधवा, बेसहारा, तलाकशुदा महिलाओं और विकलांग माता-पिता को अपने बच्चों की शिक्षा में मदद मिलेगी।
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बच्चों की ट्यूशन का खर्च भी सरकार देगी
उधर, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना विशेष रूप से उन महिलाओं का सहारा बनेगी, जो आर्थिक और शैक्षणिक संसाधनों की कमी के कारण अपने बच्चों का पालन-पोषण करने में कठिनाइयों का सामना कर रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि योजना के तहत उच्च शिक्षा, डिप्लोमा और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए बच्चों को ट्यूशन और छात्रावास के लिए भी वित्तीय सहायता दी जाएगी।
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ये है योजना का उद्देश्य
सुक्खू ने इस योजना के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, बल्कि बाल शोषण, तस्करी, बाल विवाह और मादक पदार्थों के दुरुपयोग जैसे गंभीर अपराधों को रोकने में भी सहायक होगी। उन्होंने कहा है कि विकलांगता, बेरोजगारी और गरीबी के दृष्टिगत यह योजना विकलांग माता-पिता के बच्चों की जरूरतों को भी पूरा करेगी।
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हमारी सरकार संवेदनशील
वहीं, सीएम सुक्खू ने सरकार की प्राथमिकताओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के पहले दिन से ही वंचित वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में कई पहल शुरू की गई हैं। सुक्खू ने कहा कि हम एक संवेदनशील सरकार हैं और समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। कुछ वर्ग ऐसे हैं, जो अपनी शिकायतें और कठिनाइयों के साथ हमारे पास नहीं आते, लेकिन हम उनके कल्याण के लिए कार्य करते रहेंगे।