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January 3, 2025

हिमाचल में चुना जाएगा नया BJP अध्यक्ष: 9 नेता कर रहे लॉबिंग, जयराम ठाकुर को बड़ी जिम्मेदारी

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) नया अध्यक्ष चुनने जा रही है। जिसके लिए पूरे BJP में लॉबिंग तेज हो गई है। इस चुनाव को लेकर पार्टी हाईकमान ने चुनाव अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को हिमाचल के चुनाव अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है, जो अगले तीन-चार दिनों में प्रदेश का दौरा करेंगे। उनकी जिम्मेदारी 15 जनवरी तक प्रदेश के जिला अध्यक्षों के चुनाव को संपन्न कराना है। यह निर्णय 28 दिसंबर को दिल्ली में हुई भाजपा की राष्ट्रीय कार्यशाला में लिया गया था।

जयराम ठाकुर को लद्दाख की जिम्मेदारी

इसके अलावा, प्रदेश से तीन नेशनल काउंसिल मेंबर्स भी चुने जाने हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व CM जयराम ठाकुर को लद्दाख भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का जिम्मा सौंपा गया है। इस बीच, प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए 9 नेता अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। यह भी पढ़ें : हिमाचल : जेब में चिट्टा लिए घूम रहा था युवक, बीच रास्ते में हुआ गिरफ्तार

 दावेदारों की रेस में कौन-कौन शामिल?

प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए 9 प्रमुख नेता अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं, जिनमें पूर्व अध्यक्ष सत्तपाल सत्ती और विपिन सिंह परमार का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। इसके अलावा, मौजूदा अध्यक्ष राजीव बिंदल, रणधीर शर्मा, बिक्रम ठाकुर, इंदू गोस्वामी, त्रिलोक जम्वाल, डॉ. सिकंदर और डॉ. राजीव भारद्वाज को भी संभावित उम्मीदवार माना जा रहा है।

कांगड़ा पर दिया जाएगा ज्यादा ध्यान

पार्टी सूत्रों का कहना है कि अध्यक्ष के चयन में जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का ध्यान रखा जाएगा। खासकर, कांगड़ा जिले से संबंध रखने वाले नेताओं पर जोर दिया जा सकता है, क्योंकि यह जिला प्रदेश की सत्ता की चाबी समझा जाता है। कांगड़ा क्षेत्र से विपिन सिंह परमार, बिक्रम ठाकुर, राजीव भारद्वाज और इंदू गोस्वामी में से कोई एक नेता प्रदेश अध्यक्ष बन सकता है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : मां-बाप ने खोया लाडला बेटा, घर से बिना बताए गया था कहीं

विपिन सिंह परमार का नाम सबसे मजबूत

कांगड़ा जिले से ताल्लुक रखने वाले विपिन सिंह परमार को प्रदेश अध्यक्ष पद का सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। परमार भाजपा संगठन में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं। पूर्व सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनकी पार्टी में मजबूत पकड़ और संगठन में लंबे अनुभव के कारण उनका नाम चर्चा में है।

सत्तपाल सत्ती की दावेदारी

वहीं, सत्तपाल सत्ती का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में लगातार चर्चा में है। सत्ती 9 साल तक प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में वह ऊना जिले से तीसरी बार विधायक बने हैं। उनका संगठन में मजबूत आधार और विपक्षी दलों के खिलाफ आक्रामक रवैया उनकी दावेदारी को और मजबूती प्रदान करता है। उनकी लोकप्रियता और संगठन में उनकी भूमिका को देखते हुए उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है। यह भी पढ़ें : हिमाचल में नकली पुलिसवाला बनकर घूम रहा था युवक, पहुंचा सलाखों के पीछे

राजीव बिंदल की फिर से दावेदारी

मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल भी एक बार फिर से अध्यक्ष पद के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। बिंदल जनवरी 2020 में पार्टी के अध्यक्ष चुने गए थे, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। दिसंबर 2022 में नाहन विधानसभा चुनाव में उनकी हार के बाद पार्टी ने उन्हें अप्रैल 2023 में फिर से प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। अब, एक बार फिर उनकी दावेदारी चर्चा में है।

जेपी नड्डा के करीबी त्रिलोक जम्वाल को मिल सकती है जिम्मेदारी

उधर, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के करीबी माने जाने वाले त्रिलोक जम्वाल का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सामने आ रहा है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यदि नड्डा 2027 के चुनाव में बिलासपुर से अपने बेटे को मैदान में उतारते हैं, तो पार्टी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी त्रिलोक जम्वाल को दी जा सकती है। यह भी पढ़ें : हिमाचल में दागदार हुई खाकी, दो होमगार्ड जवानों ने 500 रुपए में बेच दिया इमान, गिरी गाज

दलित वोट को साधने के लिए डॉ. सिकंदर कुमार की दावेदारी

बीजेपी मिशन 2027 की तैयारी में जुटी हुई है और इसके तहत दलित वोट को साधने के लिए डॉ. सिकंदर कुमार की दावेदारी भी उठाई जा रही है। डॉ. सिकंदर राज्यसभा सांसद हैं और उनके पास दलित समुदाय के बीच एक मजबूत प्रभाव है। पार्टी उनकी नेतृत्व क्षमता और राजनीतिक अनुभव को देखते हुए उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है।

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