किन्नौर। प्रकृति की गोद में बसे छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश की खूबसूरती अन्य राज्यों से अलग है। हिमाचल प्रदेश अपनी सुंदर वादियों और बड़े-बड़े पहाड़ों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। वहीं, यहां पर बहुत सारी चीजें ऐसी भी हैं जो सदियों से रहस्यमीय बनी हुई हैं।
नहीं देखेगी होगी ऐसी झील
आज हम आपको हिमाचल प्रदेश की एक ऐसी झील के बारे में बताएंगे, जो कि भविष्य बताती है। यह झील किन्नौर जिले में स्थित है, जिसका नाम यूला कांडा झील है। यह झील लोगों के लिए किसी रहस्य से कम नहीं है।
झील बताती है भविष्य
इस झील में दूरदराज के लोग अपना भविष्य जानने के लिए आते हैं। जन्माष्टमी के दिन झील में किन्नौरी टोपी उल्टी करके डाली जाती है। मान्यता है कि अगर यह टोपी बिना डूबे तैरती हुई किनारे तक पहुंच जाए तो आपका आने वाला समय अच्छा रहेगा। मगर अगर टोपी झील में डूब गई तो आपके लिए आने वाला साल अशुभ माना जाता है।
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अगर डूब जाती है टोपी
ऐसे में अगर किसी की टोपी डूब जाती है तो वह लोग भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर में जाकर माफी मांगते हैं और अपने उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।
ग्रामीणों ने की पानी मोड़ने की कोशिश
कहा जाता है कि कुछ साल पहले युला गांव के ग्रामीणों ने सिंचाई के लिए इस झील का पानी अपने गांव की तरफ मोड़ने की कोशिश की थी। मगर नहर का पानी वापस तलाब में मुड़ा हुआ था। इस बात का राज आज तक किसी को नहीं पता चल पाया कि आखिर झील का पानी तालाब की ओर कैसे मुड़ गया।
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छेड़छाड़ करना नहीं है ठीक
स्थानीय देवताओं और बड़े लामाओं के अनुसार, इस नहर के पानी के साथ छेड़छाड़ करना ठीक नहीं है। उन्होंने इस पानी और मंदिर को पांडवों की आस्था का स्थान बताया था। कहा जाता है कि पांडव जब आज्ञातवास में किन्नौर आए थे तो उन्होंने एक ही रात में इस झील और इसके अंदर बने श्रीकृष्ण मंदिर का निर्माण किया था।