ऊना। हिमाचल प्रदेश में बहुत सारे लोग ऐसे हैं- जो एक माता-पिता बनने के लिए तरस रहे हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे हैं- जिन्हें एक साथ दो-दो या तीन-तीन बच्चो की खुशी मिलती है। ऐसा ही एक मामला हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले से सामने आया है।
महिला ने दिया 3 बच्चों को जन्म
क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में एक 37 वर्षीय महिला ने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया है। जिसमें दो लड़कियां और एक लड़का शामिल है। तीनों नवजात बच्चे और मां पूरी तरह से स्वस्थ है। तीनों बच्चे एक्टिव हैं और अभी अस्पताल में ही है।
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पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल
तीनों बच्चों की जन्म देने वाली महिला की पहचान संयोगिता के रूप में हुई है- जो कि बंगाणा उपमंडल के कोलका गांव की रहने वाली है। संयोगिता के एक साथ तीन बच्चों को जन्म देने के बाद से उनके घर और पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है।
एक बेटा और दो बेटियां
बताया जा रहा है कि संयोगिता को बीते कल प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद शाम को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। देर शाम उसकी अस्पताल में सफल डिलीवरी हुई है और उसने एक बेटे और दो बेटियों को एक साथ जन्म दिया है।
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पूरी तरह से स्वस्थ हैं तीनों बच्चे
तीनों बच्चे और मां पूरी तरह से स्वस्थ हैं। बच्चों के जन्म से परिजन काफी खुश हैं। पूरा परिवार खुशियां मना रहा है। बच्चों को देखने और बधाइयां देने के लिए रिश्तेदारों और आस-पड़ोस के लोगों की भीड़ लग गई है।
सफल और सुरक्षित प्रसव
डॉक्टरों का कहना है कि संयोगिता का प्रसव थोड़ी जटिलता से शुरू हुआ था। मगर टीम ने पूरी सतर्कता और कुशलता के साथ स्थिति को संभाला। डॉक्टरों ने महिला की सफल और सुरक्षित डिलीवरी करवाई।
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लाखों में एक होता है ऐसा मामला
क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में कार्यरत स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बताया कि तीनों बच्चों की सफल डिलीवरी करवाई गई है। अभी मां और तीनों बच्चों को अस्पताल में ही रखा गया है-जहां पर उनकी देखभाल की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस तरह के मामले काफी कम देखने को मिलते हैं। अमूमन एक गर्भ में जुड़वा के रूप में दो बच्चे पल जाते हैं। जबकि, तीन बच्चों को जन्म में देने वाला मामला लाखों में एक ही होता है।
एक बार में कैसे होता है दो या तीन बच्चों का जन्म?
- एक बार में दो या तीन बच्चों का जन्म, जिसे जुड़वा या तीन संतानें (ट्रिप्लेट्स) कहा जाता है। निम्नलिखित कारणों से हो सकता है-
- एक अंडाणु का निषेचन होने के बाद वह विभाजित हो जाता है और दो या अधिक भ्रूणों का निर्माण करता है। इसे समान जुड़वा कहा जाता है, क्योंकि इन बच्चों का DNA एक जैसा होता है।
- जब महिला के शरीर में एक से अधिक अंडाणु का निषेचन होता है, तो अलग-अलग भ्रूण बन सकते हैं। इसे असमान जुड़वा कहा जाता है, क्योंकि इनका DNA अलग होता है।
- जब महिलाएं गर्भधारण के लिए प्रजनन उपचार लेती हैं, जैसे इन विट्रो फर्टिलाइजेशन IVF तो एक से अधिक भ्रूण को गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जा सकता है, जिससे जुड़वा या ट्रिप्लेट्स की संभावना बढ़ जाती है।
- कुछ परिवारों में जुड़वा या ट्रिप्लेट्स का इतिहास होता है, जिससे महिलाओं में एक से अधिक अंडाणु छोड़ने की प्रवृत्ति होती है। यह संभाव्यता वंशानुगत होती है।
- बड़ी उम्र की महिलाओं में एक से अधिक अंडाणु का निषेचन होने की संभावना अधिक होती है, जिससे जुड़वा या तीन बच्चों का जन्म हो सकता है।