बिलासपुर। यह कहावत तो आप सबने सुनी ही होगी कि देने वाला जब भी देता है छप्पड़ फाड़ कर देता है। बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो उम्र भर माता-पिता बनने के लिए तरसते हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं-जिन्हें एक साथ दो या तीन बच्चों की खुशी मिलती है। ऐसा ही एक मामला हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला से सामने आया है।
महिला ने दिया 3 बच्चों को जन्म
क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में एक 27 वर्षीय महिला ने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया है। जिसमें एक लड़की और दो लड़के शामिल हैं। तीनों नवजात बच्चे और मां पूरी तरह से स्वस्थ है। तीनों बच्चे एक्टिव हैं और अभी अस्पताल में ही है।
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27 वर्षीय महिला की पहली डिलीवरी
तीनों बच्चों की जन्म देने वाली महिला की पहचान अल्का पत्नी सुरेश कुमार के रूप में हुई है- जो कि कोठीपुरा का नई सारली गांव की रहने वाली है। अल्का की यह पहली डिलीवरी है।
हुए दो लड़के और एक लड़की
बताया जा रहा है कि अल्का की डिलीवरी सिजेरिन हुई है। तीनों बच्चों के जन्म में एक-एक मिनट का अंतर है। अल्का ने पहले लड़के को जन्म दिया, फिर लड़की को और एक मिनट बाद फिर लड़के को जन्म दिया। अल्का के पति सुरेश कुमार निजी क्षेत्र में नौकरी करता है और अल्का खुद गृहिणी है।
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एक-एक मिनट का तीनों बच्चों में अंतर
बच्चों के जन्म से परिजन काफी खुश हैं। पूरा परिवार खुशियां मना रहा है। बच्चों को देखने और बधाइयां देने के लिए रिश्तेदारों और आस पड़ोस के लोगों की भीड़ लग गई है। सुरेश ने बताया कि वो बीती 1 अगस्त को अल्का को लेकर क्षेत्रीय अस्पताल लाए थे। शुक्रवार को उसकी अस्पताल में सफल डिलीवरी हुई है।
लाखों में एक होता है ऐसा मामला
क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में कार्यरत स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुपम शर्मा ने बताया कि तीनों बच्चों की सफल डिलीवरी करवाई गई है। अभी मां और तीनों बच्चों को अस्पताल में ही रखा गया है-जहां पर उनकी देखभाल की जा रही है। उन्होंने बताया कि उनके 22 साल के करियर में यह ऐसा दूसरा मामला है जब किसी महिला ने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया है।
अस्पताल में भी यह ऐसा दूसरा मामला है। करीब डेढ़ साल पहले एक महिला ने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया था।उन्होंने बताया कि इस तरह के मामले काफी कम देखने को मिलते हैं। अमूमन एक गर्भ में जुड़वा के रूप में दो बच्चे पल जाते हैं। जबकि, तीन बच्चों को जन्म में देने वाला मामला लाखों में एक ही होता है।
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एक बार में कैसे होता है दो या तीन बच्चों का जन्म?
एक बार में दो या तीन बच्चों का जन्म, जिसे जुड़वा या तीन संतानें (ट्रिप्लेट्स) कहा जाता है। निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:
एक अंडाणु का निषेचन होने के बाद वह विभाजित हो जाता है और दो या अधिक भ्रूणों का निर्माण करता है। इसे समान जुड़वा कहा जाता है, क्योंकि इन बच्चों का DNA एक जैसा होता है।
- एक से अधिक अंडाणु का निषेचन:
जब महिला के शरीर में एक से अधिक अंडाणु का निषेचन होता है, तो अलग-अलग भ्रूण बन सकते हैं। इसे असमान जुड़वा कहा जाता है, क्योंकि इनका DNA अलग होता है।
जब महिलाएं गर्भधारण के लिए प्रजनन उपचार लेती हैं, जैसे इन विट्रो फर्टिलाइजेशन IVF तो एक से अधिक भ्रूण को गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जा सकता है, जिससे जुड़वा या ट्रिप्लेट्स की संभावना बढ़ जाती है।
कुछ परिवारों में जुड़वा या ट्रिप्लेट्स का इतिहास होता है, जिससे महिलाओं में एक से अधिक अंडाणु छोड़ने की प्रवृत्ति होती है। यह संभाव्यता वंशानुगत होती है।
बड़ी उम्र की महिलाओं में एक से अधिक अंडाणु का निषेचन होने की संभावना अधिक होती है, जिससे जुड़वा या तीन बच्चों का जन्म हो सकता है।