शिमला। हिमाचल बिजली बोर्ड के लिए सुक्खू सरकार के फैसले बाद सुक्खू सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सुक्खू सरकार ने 2 साल से विभिन्न विभागों व बोर्ड-निगमों में खाली चल रहे पदों को खत्म करने का निर्णय लिया है। वहीं, अब संयुक्त कर्मचारी महासंघ भी हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्माचारियों के समर्थन में उतर गया है।
बिगड़ जाएंगे हिमाचल के हालात
संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने कहा कि सुक्खू सरकार बातचीत करके बिजली बोर्ड में चल रहे बदलावों को रोक दे- नहीं को हिमाचल में हालात बिगड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि वित्त विभाग द्वारा जारी किये गए आदेशों में यह साफ किया गया है कि सरकारी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्रों में दो साल या इससे ज्यादा समय से खाली चल रहे स्थाई और अस्थाई पदों को समाप्त कर दिया गया है।
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महासंघ ने किया बिजली बोर्ड का समर्थन
संयुक्त कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है कि सुक्खू सरकार ने बिजली बोर्ड में इंजीनियरों और ड्राइवरों के कई पदों को समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार वार्तालाप करके बिजली बोर्ड की मागों पर विचार करे और बोर्ड की नौकरियों को जल्द से जल्द दोबारा बहाल करे।
सड़कों पर करना पड़ेगा प्रदर्शन
चौहान ने कहा कि बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने 28 अक्टूबर को साकेंतिक प्रदर्शन का भी आह्वान किया है। ऐसे में सुक्खू सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तो कर्मचारियों के समर्थन में संयुक्त कर्मचारी महासंघ भी सड़कों पर उतरेगा।
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चौहान ने कहा कि प्रदेश सराकर ने दो साल से अधिक समय से खाली चल रहे सभी पदों को समाप्त करने की नोटिफिकेशन जारी की है। CM सुक्खू को अपने आसपास अच्छे सलाहकारों की टीम रखनी चाहिए। साथ ही कर्मचारी नेताओं से भी अच्छे से वार्तालाप करनी चाहिए ताकि फिर बाद में CM सुक्खू को सफाई ना देनी पड़े।
विदित रहे कि हिमाचल सरकार ने बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है। सुक्खू सरकार ने राज्य बिजली बोर्ड में इंजीनियरों के 51 फंक्शनल पदों को खत्म कर दिए हैं। साथ ही 81 ड्राइवरों को भी नौकरी से निकाल दिया है। सुक्खू सरकार के इस फैसले के बाद आउटसोर्स कर्मियों में हड़कंप मच गया है। वहीं, प्रदेश के लाखों बेरोजगार 2 साल से भर्तियों का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में पदों को समाप्त करना बेरोजगारों की लिए किसी झटके से कम नहीं माना जा रहा है।
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फैसले से नाखुश हैं सभी कर्मचारी
सुक्खू सरकार के इस फैसले से कर्मचारी सुक्खू सरकार से काफी नाखुश हैं। इसी के चलते हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड इम्पलॉइज एंड इंजीनियर ज्वाइंट फ्रंट ने सुक्खू सरकार को जल्द ये फैसला वापस लेने को लेकर अल्टीमेटम जारी किया है।