हमीरपुर/शहडोल। हिमाचल के हमीरपुर जिला के समाजसेवी शांतनु कुमार पिछले तीन दशकों से लावारिश लाशों को कंधा दे रहे हैं और उनका पूरे विधि विधान से अंतिम संस्कार कर रहे हैं। शांतनु कुमार ने उन हजारों लोगों का अंतिम संस्कार किया, जिन्हें वह जानते भी नहीं थे। यही नहीं आज सर्वपितृ अमावस्या के दिन यानी दो अक्तूबर को शांतनु ने हरिद्वार जाकर पवित्र गंगा नदी के किनारे 4975 पितरों का श्राद्ध भी किया, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके।
कलियुगी बेटे की करतूत
वहीं दूसरी तरफ एक ऐसा बेटा भी है जो अपने पिता के अंतिम संस्कार में भी अवसर तलाशने से नहीं चुका। इस कलयुगी बेटे ने अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए अपनी मां के सामने एक शर्त रख दी और साफ तौर पर कह दिया कि अगर वह उसकी बात नहीं मानती है तो अपने मृत पिता की चिता को मुखाग्नि ही नहीं देगा।
पिता के अंतिम संस्कार में जाने के लिए बेटे ने रखी शर्त
हालांकि यह मामला हिमाचल का नहीं हैं। आज सर्वपितृ अमावस्या के दिन जहां हर शख्स अपने पूर्वजों का श्राद्ध करने से पीछे नहीं रहता, वहीं पर एक बेटे के अपने ही पिता के अंतिम संस्कार करने के लिए मां के सामने शर्त रखना बेहद ही शर्मनाक है। मामला मध्यप्रदेश के शहडोल जिला के कछियान गांव का है। यहां मनोज बर्मन नाम के बेटे ने अपने ही पिता की अंतिम यात्रा में शामिल होने से इंकार कर दिया।
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मनोज के पिता की अचानक मौत हो गई, जिससे मनोज की मां और उसकी दो बहनों का रो रोकर बुरा हाल हो गया। इसी बीच अंतिम संस्कार का समय आया। लेकिन मृतक के बेटे मनोज ने अपनी मां के सामने अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए शर्त रख दी। जिसे सुन कर वहां मौजूद हर शख्स हैरान रह गया।
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बेटे ने मांगे डेढ़ लाख रुपए
मनोज बर्मन ने पहले तो अपने पिता की अंतिम यात्रा में शामिल होने से इनकार कर दिया। उसके बाद मनोज ने अपनी मां के सामने यह शर्त रखी कि उसे 1.5 लाख रुपये चाहिए। ताकि वह अपने पिता की चीता को अग्नि दे सके। मनोज का पैसे की मांग करना और अंतिम संस्कार में शामिल न होना परिवार के लिए एक गंभीर संकट बन गया। जब मां ने पैसे देने से मना कर दिया, तो मनोज ने अपने पिता के अंतिम संस्कार में ना जाने का फैसला सुना दिया।
मां ने बेटियों के साथ किया पति का अंतिम संस्कार
ऐसे में मां ने अपनी दोनों बेटियों के साथ मिलकर पति का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया और इस दुखद परिस्थिति में हिम्मत जुटाकर पति का पूरे विधि विधान से अंतिम संस्कार किया। इतना ही नहीं मां ने पति के अंतिम संस्कार के बाद पुलिस थाना में बेटे के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवा दी।
मां की इस शिकायत को सुन कर स्थानीय प्रशासन भी हैरान रह गया। अब यह मामला चर्चा का विषय बन गया। लोग इस घटना को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दे रहे थे, जिससे समाज में पारिवारिक संबंधों और नैतिकता पर सवाल उठने लगे।