सोलन। हिमाचल प्रदेश में अभी बरसात ने दस्तक दी भी नहीं है। इससे पहले ही सोलन जिला के ज्यावला गांव के लोगों डर सताने लगा है। लोगों का कहना है कि बरसाती नालों के कारण गांव का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। गांव के नाले थोड़ी से बारिश में ही उफान मारने लग जाते हैं।
गांव में घुसा भारी मलबा
दरअसल, बीते सोमवार को हुई बारिश से जहां नालागढ़ में बादल फटने के बाद खौफनाक मंजर सामने आया। वहीं, बारिश के कारण ज्यावला गांव में भारी मलबा घुस गया था। इससे पहले लोगों ने गांव में ऐसा मंजर कभी नहीं देखा था।
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डर के साए में रह रहे लोग
ग्रामीणों का कहना है कि आज जंगल तबाह हो चुके हैं। प्रकृति से छेड़छाड़ का खामियाजा गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। बारिशस से बहने वाले नाले थोड़ी सी ही बरसात में उफान मारने लग जाते हैं। उनका कहना है गांव में लोग डर के साए में रहने पर मजबूर हैं।
सुध लेने की लगाई गुहार
लोगों का कहना है कि सरकार को पहाड़ियों पर पौधारोपण और बहते नालों में जगह-जगह चैकडैम लगवाने चाहिए। अगर सरकार ने इस ओर विशेष ध्यान नहीं दिया तो ज्यावला गांव और गंभरपुल गांव अपना अस्तित्व खो सकता है। लोगों ने सरकार और प्रशासन से गांव की सुध लेने की गुहार लगाई है।
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वहीं, मौके का जायजा लेने पहुंचे CPS संजय अवस्थी ने बरसात तक गंभरपुल में पानी की निकासी का समाधान करने और ग्रामीणों की सभी परेशानियों का निपटारा करने का आश्वासन दिया।
मानसून से पहले सता रहा डर
आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में महज 24 घंटों के बाद बारिश का दौर शुरू होने वाला है। आमतौर पर प्रदेश में मानसून 22 जून से 25 जून के बीच एंट्री कर देता है। मगर इस बार मानसून देरी से पहुंच रहा है। मौसम विभाग शिमला के अनुसार, 27 जून यानी कल हिमाचल में मानसून दस्तक दे सकता है। मगर मानसून से पहले ही प्रदेश के कई इलाकों में हुई मूसलाधार बारिश ने लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है।