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October 5, 2024

संजौली विवाद: कमिश्नर कोर्ट में आज होगी सुनवाई, क्या टूटेगी मस्जिद?

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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर आज शनिवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। नगर निगम शिमला के कमिश्नर भूपेंद्र अत्री की राजस्व अदालत में कल इस मामले की सुनवाई होगी। इस सुनवाई में मस्जिद कमेटी ने प्रस्ताव दिया है कि यदि नगर निगम प्रशासन अनुमति दे, तो वे खुद अवैध निर्माण को गिराने के लिए तैयार हैं। कमिश्नर कोर्ट ने संबंधित बीट केJE से पैमाइश की रिपोर्ट भी तलब की है, जो कि सुनवाई के दौरान प्रस्तुत की जाएगी।

हिंदू संगठनों की चेतावनी

बता दें कि स्थानीय लोगों ने भी इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए वकील के माध्यम से आवेदन दिया है, जिस पर कमिश्नर कोर्ट को निर्णय लेना है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : ग्राहकों के करोड़ों डकार गया बैंक कर्मी, स्टॉक मार्केट की लगी थी लत देवभूमि संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि कोर्ट से उचित निर्णय नहीं आया, तो वे जेल भरो आंदोलन करेंगे। ऐसे में सभी की नजरें कल होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं। सुनवाई का समय दोपहर में निर्धारित किया गया है।

पिछली सुनवाई में ननहीं था जवाब

पिछली सुनवाई में कमिश्नर कोर्ट ने मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड से पूछा कि अवैध निर्माण के लिए पैसे का स्रोत क्या था और यह किसने किया, लेकिन दोनों पक्षों के पास कोई ठोस जवाब नहीं था। मस्जिद कमेटी के पूर्व प्रधान मोहम्मद लतीफ ने कहा कि यह निर्माण उनके कार्यकाल में नहीं हुआ, जबकि मस्जिद के इमाम शहजाद ने दावा किया कि निर्माण बाहर से आने वाले नमाजियों द्वारा किया गया, लेकिन इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। यह भी पढ़ें : 10 माह के बच्चे के सिर से उठा मां-बाप का साया, दादी के पास छोड़ शादी में गया था दंपत्ति

शोएब जमई ने बढ़ाया विवाद

इस बीच शोएब जमई द्वारा मस्जिद में वीडियो बनाने के बाद विवाद और बढ़ गया। उन्होंने आसपास की इमारतों को अवैध बताकर सवाल उठाए, जिससे हिंदू संगठनों में आक्रोश पैदा हो गया। इस घटना के बाद, मुस्लिम पक्ष ने मीडिया को बुलाकर स्पष्ट किया कि वे शोएब जमई को नहीं जानते और उनके बयान का खंडन करते हैं।

कैसे शुरू हुआ विवाद

बता दें कि शिमला के मल्याणा इलाके में 30 अगस्त को दो समुदायों के बीच मारपीट हुई थी, जिसके बाद आरोपी संजौली मस्जिद में छिप गए थे। कांग्रेस के पार्षद नीटू ठाकुर के नेतृत्व में लोगों ने मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान यह बात सामने आई कि मस्जिद में अवैध निर्माण किया गया है। विधानसभा के मानसून सत्र में ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी है और उन्होंने अवैध निर्माण गिराने की मांग की। यह भी पढ़ें : हिमाचल पर फिर मेहरबान हुई केंद्र सरकार, अब इन कार्यों के लिए दी करोड़ों की सौगात

मस्जिद केस में अब तक की प्रगति

नगर निगम शिमला के आयुक्त भूपेंद्र अत्री के अनुसार, संजौली की मस्जिद में निर्माण का मामला 2010 से उठ रहा है। उस समय मस्जिद कमेटी ने पिलर का निर्माण किया था, जिसके खिलाफ नोटिस जारी हुआ। मामला 2012 तक चला, लेकिन फिर मस्जिद कमेटी ने वक्फ बोर्ड से एनओसी प्राप्त की। वक्फ बोर्ड ने कहा कि स्थानीय कमेटी अपने स्तर पर निर्माण कर सकती है, लेकिन नगर निगम से जरूरी अनुमतियां लेनी होंगी। मस्जिद कमेटी ने एनओसी और मैप नगर निगम में जमा किया, लेकिन उसमें कई कमियां थीं। नगर निगम ने कमेटी को कमियां दूर करने का निर्देश दिया, लेकिन इसके बाद न तो मस्जिद कमेटी और न ही वक्फ बोर्ड ने कोई कार्यवाही की। 2015 से 2018 के बीच अवैध निर्माण होता रहा। जुलाई 2023 में वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी किया गया, और मस्जिद कमेटी के पूर्व प्रधान मोहम्मद लतीफ को भी नोटिस मिला। यह भी पढ़ें : HRTC बस की टक्कर ने उजाड़ दिया परिवार: तीन लोग थे बाइक पर सवार

क्षेत्र में माहौल तनावपूर्ण

इस विवाद ने न केवल स्थानीय समुदायों के बीच तनाव बढ़ाया है, बल्कि राज्य सरकार के समक्ष भी कई चुनौतियाँ खड़ी की हैं। कमिश्नर कोर्ट की सुनवाई के परिणामों का स्थानीय राजनीतिक माहौल पर व्यापक असर पड़ने की संभावना है। सभी की निगाहें इस सुनवाई पर हैं कि यह विवाद कैसे सुलझता है और क्या कोई सामंजस्य स्थापित किया जा सकेगा।

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