शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला में एक स्कूल बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। जिसके बाद 987 बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है। बता दें कि प्रबंधन की आपसी लड़ाई के चलते विवाद उपजा है। जिसके बाद स्कूल के छात्र अपने अभिभावक को लेकर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिलने राज भवन शिमला पहुंचे हैं। संजौली हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में स्थित सरस्वती पैराडाइज स्कूल का मामला राजभवन पहुंचा है।
राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
बता दें कि अभिभावकों ने राज्यपाल से मिल मामले में संज्ञान लेने के लिए ज्ञापन सौंपा है। वहीं, अभिभावकों का इस मुद्दे पर कहना है कि उनकी कई बार स्कूल प्रबंधन से बात हो चुकी है। इस मामले को सुलझाने की कोशिश की जा रही है। ताकि स्कूल का सत्र सुचारु रूप से चल सके, लेकिन अभी तक इसका कोई हल सामने नहीं आ पाया है।
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एक साथ इस्तीफा दे रहें अध्यापक
अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल प्रिंसिपल सहित कुछ अध्यापकों को नौकरी से निकाला गया है। जिसके बाद स्कूल के सभी शिक्षक सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि जहां पर स्कूल बना है वहां के स्वामित्व के दावेदार स्कूल को बन्द कर होटल बनाने का प्रयास कर रहे हैं। जिसके विरोध कर रहे प्रिंसिपल और अध्यापकों को नौकरी से बाहर किया गया है।
बच्चों के भविष्य दाव पर
अभिभावकों का कहना है कि इन सभी के बीच बच्चों का भविष्य बीच सेशन में दाव पर लग रहा है। अभिभावकों से मिली जानकारी के अनुसार स्कूल के मालिक का 2020 में देहांत हो गया है। उनके बच्चे हेमंत मितल और उनकी बहन खुद को मालिक बता कर एक दूसरे से कोर्ट के माध्यम से लड़ाई लड़ रहे हैं। जिसके बाद से स्कूल का माहौल बुरी तरह से खराब हो चुका है।
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अभिभावकों को चिंता
अभिभावकों ने बताया कि प्रबंधन की आपसी लड़ाई के बाद से बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। अध्यापकों को भी टर्मिनेट कर दिया गया है। वहीं, इस मामले में अभिभावकों ने सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है ताकि बच्चों की पढ़ाई तंग ना हो। हालांकि इन सभी के बीच स्कूल प्रबंधन से कोई संपर्क नहीं हो पाया है, ना ही उनका पक्ष सामने आया है।