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September 21, 2024

लड़कियों की रोल मॉडल बनी धाकड़ लेडी सिंघम- नाम से ही क्रिमिनल खाते हैं खौफ

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शिमला। पहले के समय की बेटियों और आज की बेटियों के जीवन में काफी अंतर आ गया है। सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और सांस्कृतिक बदलावों ने बेटियों की स्थिति को बदल दिया है। यह अंतर कई पहलुओं में देखा जा सकता है। आज बेटियां हर कदम पर बेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं।

रोल मॉडल बन गई है ये बेटी

आज हम आपको एक ऐसी बेटी के बारे में बताएंगे जो सैकड़ों बेटियों की लिए रोल मॉडल बन गई है। इस बेटी का नाम सुनते ही आतंकवादियों के पसीने छूट जाते हैं। यह भी पढ़ें: हिमाचल : स्कूल बस और पंजाब रोडवेज में टक्कर, मची चीख-पुकार

लेडी आयरन के नाम से जानी जाती हैं संजुक्ता

हम बात कर रहे हैं महिला IPS ऑफिसर संजुक्ता पराशर की। संजुक्ता पराशर को आयरन लेडी के नाम से जाना जाता है। संजुक्ता पराशर ने अपनी बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए भ्रष्टाचार और आतंकवाद पर नकेल कस रखी है। पराशर पूरी ईमानदारी के साथ पिछले कई सालों से एंटी-बोडो मिलिटेंट ऑपरेशन्स में अपना भरपूर योगदान दे रही हैं।

चार साल के बच्चे की मां हैं संजुक्ता

आपको बता दें कि संजुक्ता पराशर 4 साल के बच्चे की मां हैं। संजुक्ता दो महीने में सिर्फ एक बार ही अपने पति और घरवालों से मिलने के लिए समय निकाल पाती हैं। संजुक्ता देशवासियों को ही अपना पहला परिवार मानती हैं। यह भी पढ़ें: हिमाचल : 18 वर्षीय युवक ने खड़े किए 3 बिजनेस, CM सुक्खू ने भी की सराहना

आतंकियों के छक्के छुड़ाने में हैं माहिर

संजुक्ता आतंकियों के छक्के छुड़ाने में माहिर हैं। हाल ही में संजुक्ता ने एक ऑपरेशन चलाया, जिसमें वे खुद AK47 लेकर आतंकियों के खिलाफ मोर्चा संभालने मैदान में कूद पड़ीं।

16 आतंकियों को मारा, 64 से ज्यादा किए गिरफ्तार

साल 2008 में संजुक्ता की पहली पोस्टिंग माकुम में असिस्टेंट कमांडेंट के तौर पर हुई। मगर कुछ ही महीनों के बाद उन्हें उदालगिरी में हुई बोडो और बांग्लादेशियों के बीच की जातीय हिंसा को काबू करने के लिए ट्रांसफर कर दिया गया।अपने ऑपरेशन के महज 15 महीने में ही संजुक्ता ने 16 आतंकियों को मार गिराया और 64 से ज्यादा आतंकवादियों को गिरफ्तार कर पूरे देश के सामने बहादुरी का एक नया उदाहरण पेश किया। यह भी पढ़ें: 10 दिनों से लापता किन्नौर DC के पिता की खोज पूरी, परिवार की टूटी आस

राज्य के हालात सुधारने का उठाया जिम्मा

संजुक्ता पराशर बचपन से ही पढ़ने और खेल-कूद में काफी होशियार थी। संजुक्ता ने दिल्ली के इंद्राप्रस्थ महाविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया। इसके बाद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से संयुक्ता ने PHD की। संजुक्ता अपनी स्कूली पढ़ाई असम से की है। स्कूली दिनों से संजुक्ता अपने राज्य में आतंकवादियों और भ्रष्टाचारियों के कहर से बेहद चिंतित थीं। ऐसे में अच्छी रैंक लाने के बावजूद संजुक्ता ने असम में ही काम कर अपने राज्य की तस्वीर सुधारने का फैसला किया।

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