शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर प्रदेश भर में काफी हल्ला हुआ था। हिंदू संगठनों और स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए थे। इस सब के बीच वक्फ बोर्ड ने संजौली में बनी मस्जिद की तीन अवैध मंजिलें गिराने की मंजूरी दे दी है। संजौली मस्जिद की तीन अवैध मंजिलों को गिराने का काम शुरू हो गया है।
संजौली मस्जिद गिराने का काम शुरू
संजौली मस्जिद की तीन अवैध मंजिलों को गिराने का काम शुरू हो गया है। मौक पर मशीनें पहुंच गई हैं और लोगों की काफी भीड़ भी देखने को मिल रही है। अवैध निर्माण गिराने का कार्य बोर्ड और नगर निगम की निगरानी में किया जा रहा है।
HC पहुंचा मस्जिद मामला
गौरतलब है कि संजौली मस्जिद मामला हिमाचल हाईकोर्ट भी पहुंच गया है। दरअसल, संजौली मस्जिद के आसपास रहने वाले लोगों ने हाईकोर्ट याचिका दायर कर शिमला नगर निगम आयुक्त को जल्द फैसला देने के आदेश का आग्रह किया है। इस याचिका में कहा गया है कि संजौली मस्जिद मामला 14 साल से शिमला नगर निगम आयुक्त कोर्ट में चल रहा है। ऐसे में इस मामले का जल्द निपटारा होना चाहिए।
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कब होगी अगली सुनवाई?
इस मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी। 21 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में संजौली मस्जिद की निचली दो मंजिलों के निर्माण को लेकर सुनवाई होनी है। निगम के अनुसार, पुरानी मस्जिद के दोबारा निर्माण के लिए सलीम नाम के शख्स ने वर्ष 2010 में काम शुरू किया था। लेकिन इसके लिए उन्होंने नगर निगम से कोई अनुमति नहीं ली थी।
नगर निगम ने 31 मार्च 2010 को मस्जिद का काम रोकने के आदेश दिए थे। मस्जिद कमेटी को नोटिस भी जारी किया गया, बावजूद इसके यहां काम जारी रहा। वहीं दूसरी तरफ मस्जिद कमेटी का कहना है कि निचली मंजिलें दशकों पुरानी हैं। ऊपर की तीन मंजिलों का निर्माण साल 2010 के बाद किया गया है। जिसे कोर्ट ने गिराने का आदेश दिया है।
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क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने संजौली मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराने के आदेश दिए थे। जिसके बाद मस्जिद कमेटी ने मस्जिद की तीन अवैध मंजिलों को गिराने के लिए वक्फ बोर्ड से मंजूरी मांगी थी। जिस पर अब बोर्ड ने अवैध तीन मंजिलों को गिराने की मंजूरी दे दी है।
क्यों मांगी थी वक्फ बोर्ड की मंजूरी?
संजौली मस्जिद कमेटी का कहना था कि संपत्ति वक्फ बोर्ड की है। ऐसे में अवैध निर्माण गिराने के लिए वक्फ बोर्ड से मंजूरी लेना जरूरी है। कमेटी अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा था कि मस्जिद कमेटी नगर निगम आयुक्त कोर्ट के फैसले को चुनौती नहीं देगी। मस्जिद कमेटी खुद ही अवैध निर्माण को गिराएगी।
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तीन मंजिल गिराने के मिले आदेश
विदित रहे कि नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने बीते 5 अक्टूबर को अंतरिम आदेश जारी कर संजौली मस्जिद की पांच मंजिलों में ऊपर की अवैध तरीके से बनाई तीन मंजिलों को गिराने का फैसला सुनाया था। नगर निगम शिमला आयुक्त कोर्ट के फैसले की कॉपी मस्जिद कमेटी को भेजी गई। जिसके बाद मस्जिद कमेटी ने अवैध निर्माण गिराने के लिए वक्फ बोर्ड की मंजूरी मांगी थी।
कब-कब क्या हुआ?
- संजौली में आजादी से पहले दो मंजिला बनी हुई थी कच्ची मस्जिद
- साल 2010 तक मस्जिद की दो ही मंजिला थी, बादक 2020 तक यहां पांच मंजिला बन गईं
- मस्जिद के साथ शौचालय भी बनाए गए
- नगर निगम ने 2010 के बाद से 35 बार मस्जिद कमेटी को जारी किया नोटिस
- नगर निगम आयुक्त कोर्ट में 45 बार हो चुकी है सुनवाई
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कमेटी अपने खर्च पर गिराएगी मस्जिद
आयुक्त कोर्ट के फैसले के अनुसार, अवैध निर्माण गिराने संबंधी पूरी कार्रवाई एक प्रक्रिया के तहत होगी। अवैध निर्माण जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस की मौजूदगी में गिराया जाएगा। निगम आयुक्त कोर्ट ने पांच मंजिला मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलें अवैध करार दी हैं और इन्हें गिराया जाना है। इसे कमेटी अपने खर्च पर गिराएगी।