ऊना। आज के दौर में जहां हर व्यक्ति पैसों के पीछे भाग रहा है, वहीं समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो अपनी सकारात्मक सोच से दूसरों की भलाई के लिए जी जान से जुटे रहते हैं।
आज हम आपको ऐसे ही एक सरकारी स्कूल के दिव्यांग शिक्षक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी जेब से पैसे खर्च कर सरकारी स्कूल की तस्वीर ही बदल कर रख दी। जिसका नतीजा यह हुआ कि आज इस स्कूल में छात्रों की संख्या कफी बढ़ गई है।
दिव्यांग शिक्षक ने अपनी जेब से पैसे खर्च कर बदली स्कूल की तस्वीर
हम बात कर रहे हैं ऊना जिला के राजकीय प्राथमिक पाठशाला लोहारली में तैनात शिक्षक कुलदीप कंग की। शिक्षक कुलदीप कंग ने अपनी जेब से करीब तीन लाख खर्च कर पिछले आठ माह में स्कूल का पूरा नक्शा ही बदल कर रख दिया है।
उन्होंने अपनी जेब से पैसे खर्च कर स्कूल के उबड़ खाबड़ मैदान को जेसीबी लगाकर समतल करवाया। इसके साथ ही मैदान में चारों तरफ पौधरोपण भी किया।
मैदान को समतल करवाया, वाईफाई के साथ लगवाई 65 इंच की एलईडी
शिक्षक कुलदीप कंग ने छह हजार रुपए खर्च कर स्कूल में वाई फाई लगवाया। जिसका हर माह का बिल भी वह अपनी जेब से चुका रहे हैं। छोटे बच्चों को आकर्षित करने के लिए उन्होंने स्मार्ट क्लास रूम बनाया, जिसमें उन्होंने अपनी पैसों से 65 इंच की एलईडी भी लगा दी है।
इतना ही नहीं शिक्षक कुलदीप ने नर्सरी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने के लिए 1500 रुपये प्रति महीने पर एक अध्यापिका रख ली है। इस अध्यापिका को कुलदीप कंग अपनी जेब से वेतन दे रहे हैं।
अपनी जेब से एक शिक्षिका भी रखी
शिक्षक द्वारा स्कूल में किए गए इन बेहतरीन कार्यों के चलते स्कूल में बच्चों की संख्या अब पहले से दोगुनी हो गई है। इस स्कूल में पहले जहां 18 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते थे। वहींअब इनकी संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है।
शिक्षक कुलदीप कंग ने बताया कि मैंने अपना सब कुछ बच्चों पर समर्पित कर दिया है। उनका यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। बता दें कि अध्यापक कुलदीप कंग स्वयं दिव्यांग हैं,परंतु उच्च व्यक्तित्व के धनी हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ गगरेट-1 खंड के प्रधान भी हैं।
वहीं इस बारे में उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा देवेंद्र चंदेल ने बताया कि शिक्षक कुलदीप कंग मेहनती अध्यापकों में से एक हैं, जो बच्चों के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। अन्य अध्यापकों को भी उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।