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September 18, 2024

हिमाचल के लिए राहत की खबर, मंकी पॉक्स का संदिग्ध निकला नेगेटिव

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हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला में मंकी पॉक्स के संदिग्ध मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जिसके बाद प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली है। बता दें कि मरीज डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर में एडमिट था।

शिमला से आई राहत भरी खबर

मेडिकल कॉलेज शिमला की लैब से आई रिपोर्ट में मरीज में मंकी पॉक्स संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। जिसके बाद अस्पताल द्वारा मरीज को छुट्टी देकर घर भेज दिया गया है। बता दें कि मरीज को अस्पताल प्रबंधन द्वारा आइसोलेशन वार्ड में भर्ती रखा गया था। जिसके बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल था। यह भी पढ़ें: आपदा के डेढ़ महीने बाद भी नहीं पहुंची राहत, सुक्खू सरकार के सभी दावे फेल

क्या कहता है स्वास्थ्य विभाग

मुख्य चिकित्सा अधिकारी हमीरपुर डॉ. प्रवीण कुमार चौधरी ने खबर की पुष्टि करते हुए बताया है कि सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव है। वहीं, प्रदेश में विदेश से लौट रहे लोगों पर स्वास्थ्य विभाग की कड़ी नजरें हैं। ताकि प्रदेश में लोगों का इस भयानक बीमारी से बचाव हो सके।

विदेश से लौटा था व्यक्ति

बता दें कि जिला के सुजानपुर का रहने वाला व्यक्ति शनिवार को अस्पताल पहुंचा। जहां उसका सैंपल लिया गया। संदिग्ध नौकरी करने विेदेश गया था। कनाडा और अमेरिका में नौकरी के बाद 29 जून, 2024 को व्यक्ति वापिस हमीरपुर पहुंचा। जिसके बाद उसे अपने शरीर में फफोले की शिकायत उठी। व्यक्ति ने 14 सितंबर को मेडिकल कॉलेज हमीरपुर पहुंच कर अपनी त्वचा की जांच करवाई। यह भी पढ़ें: बिजली महादेव रोपवे को मिली मंजूरी, ग्रामीणों का विरोध जारी

निजी क्लिनिक में करवाया इलाज

बता दें कि इससे पहले व्यक्ति ने किसी निजी क्लिनिक में भी जांच करवाई थी लेकिन उसकी त्वचा में बन रहे फफोले कम होने का नाम नहीं ले रहे थे। इसके बाद व्यक्ति ने हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में पहुंचकर चरम रोग विशेषज्ञ से जांच करवाई।

क्या है मंकी पॉक्स

मंकी पॉक्स एक वायरस जनित रोग है, जो मंकी पॉक्स वायरस के कारण होता है। यह रोग मुख्यतः अफ्रीका में पाया जाता है, लेकिन हाल ही में इसके मामले अन्य क्षेत्रों में भी देखे गए हैं।

मंकी पॉक्स के लक्षण

  • बुखार: अचानक बुखार होना।
  • सिरदर्द: गंभीर सिरदर्द।
  • पेशियों और पीठ में दर्द: आमतौर पर पेशियों और पीठ में दर्द होता है।
  • थकावट: अत्यधिक थकावट और कमजोरी।
  • लसिका ग्रंथियों की सूजन: लसिका ग्रंथियों में सूजन आना।
  • चमड़ी पर चकत्ते: बुखार के कुछ दिनों बाद त्वचा पर लाल चकत्ते और दाने उभरना। ये दाने आमतौर पर चेहरे, हाथों,
  • पैरों, और अन्य हिस्सों पर होते हैं।

मंकी पॉक्स से ऐसे करें बचाव

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  • हाइजीन का ध्यान रखें: हाथों को अच्छे से धोएं और सैनिटाइजर का उपयोग करें।संपर्क से बचें: मंकी पॉक्स से
  • संक्रमित लोगों से या उनके संपर्क में आए वस्त्रों और सामान से बचें।
  • संक्रमित जानवरों से दूर रहें: जिन जानवरों में मंकी पॉक्स के लक्षण दिखते हैं, उनसे दूर रहें।
  • स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करें: अगर आपको या आपके आस-पास किसी को मंकी पॉक्स के लक्षण दिखाई दें, तो
  • तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें।

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