हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के जल शक्ति विभाग मंडल नादौन में कार्यरत पिछले आउटसोर्स कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। खबर है कि 15 सालों से आउटसोर्स पर कार्यरत लगभग 50 कर्मचारियों को अचानक नौकरी से हटा दिया गया है। इस मामले के सामने आने के बाद कर्मचारी डीसी हमीरपुर अमरजीत सिंह से मिलने पहुंचे, जहां अपनी नौकरी पर आए संकट के बारे में डीसी से शिकायत की।
सरकार पर आरोप
डीसी हमीरपुर से मिलने आए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने बताया कि वे लंबे समय से जल शक्ति विभाग में ऑपरेटर, बेलदार और चौकीदार के पदों पर कार्यरत थे, लेकिन अचानक नादौन मंडल में सभी आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार केवल अपने लोगों को नौकरी पर रख रही है, जबकि पिछले 15 सालों से काम कर रहे इन कर्मचारियों को बाहर किया गया है।
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परिवार का पालन-पोषण कठिन
निकाले गए कर्मचारियों ने डीसी हमीरपुर के सामने अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनकी उम्र बढ़ रही है और दूसरी नौकरी पाना अब उनके लिए मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने जिला प्रशासन और सरकार से यह अनुरोध किया कि उन्हें एक बार फिर जल शक्ति विभाग में काम करने का अवसर दिया जाए, ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।
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सीएम से मदद की अपील
आउटसोर्स कर्मी विपिन कुमार ने कहा कि जल शक्ति विभाग मंडल नादौन ने उन्हें 30 सितंबर को नौकरी से हटा दिया है, जिससे सभी कर्मचारी चिंतित हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने कई जगहों पर अपनी नौकरी बहाल करने की गुहार लगाई है और अब डीसी हमीरपुर को भी ज्ञापन सौंपा है। विपिन कुमार ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह क्षेत्र के लोगों को नौकरी से निकाला गया है, जबकि अन्य जिलों में ऐसा कुछ नहीं हुआ।
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय में भी गुहार लगाई गई है, लेकिन अभी तक कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला है। दिवाली से पहले यह कदम उठाना उनके लिए एक बड़ा झटका है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वे इस मामले पर ध्यान दें और सभी निकाले गए आउटसोर्स कर्मचारियों को पुनः जल शक्ति विभाग में रखा जाए।