शिमला। हिमाचल प्रदेश में पिछले रात से हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। कई क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएँ सामने आई हैं, जिससे परिवहन व्यवस्था बुरी तरह से बाधित हो गई है। इसके अतिरिक्त ट्रांसफार्मरों के खराब होने के कारण विभिन्न इलाकों में बिजली कट गई है। मंडी जिले के विभिन्न उपमंडलों में पिछले रात से बिजली नहीं है।
सिरमौर में बारिश का कहर जारी
सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में मूसलधार वर्षा ने कहर बरपाया है, जिससे कई सड़कें टूट गई हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि इस दौरान किसी प्रकार के जानी नुकसान की सूचना नहीं मिली है। मौसम विभाग ने सिरमौर, कांगड़ा, चम्बा, सोलन, कुल्लू, शिमला और मंडी जिलों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इन जिलों में शुक्रवार सुबह 5:30 बजे तक बाढ़ आने का खतरा जताते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
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71 सड़कें बंद
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार सुबह तक राज्य भर में एक राष्ट्रीय राजमार्ग और 71 सड़कें भूस्खलन के कारण बंद रहीं। बारिश से सर्वाधिक प्रभावित सिरमौर जिले में सतोन के पास नेशनल हाइवे-707 अवरुद्ध हो गया है। इसके अतिरिक्त, जिला में 26 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही थम गई है, और कुछ सड़कें गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त भी हुई हैं।
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मंडी में बारिश से भारी नुकसान
मंडी जिले में बीती रात तेज बारिश के साथ आकाशीय बिजली भी चमकी, जिसके परिणामस्वरूप 374 ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं। इनमें धर्मपुर उपमंडल में 137, मंडी में 120, सुंदरनगर में 88, सरकाघाट में 25 और जोगिंदर नगर में 4 ट्रांसफार्मर बंद होने से बिजली आपूर्ति बाधित है। इसके अलावा, कुल्लू जिले में 73 और चम्बा जिले में 22 ट्रांसफार्मर भी ठप पड़े हैं।
कहां हुई कितनी बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार शाम से गुरुवार सुबह तक सिरमौर जिले के धौलाकुआं में सर्वाधिक 275 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा, पांवटा साहिब में 165, मंडी जिले के गुलेर में 134, कांगड़ा के नगरोटा सुर्रियाँ में 125, सिरमौर के जिला मुख्यालय नाहन में 94, मंडी के जोगिंदरनगर में 90, घुमरूर में 82 और बैजनाथ में 75 मिमी वर्षा हुई।
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30 तक मौसम रहेगा खराब
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने ताज़ा पूर्वानुमान में मैदानी और मध्य पर्वतीय इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा का ओरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही, अगले 24 घंटे यानी 27 सितंबर को गरज-चमक के साथ येलो अलर्ट रहने की संभावना जताई गई है। सात जिलों में बाढ़ की चेतावनी भी जारी की गई है। 28 और 29 सितंबर को भी मौसम खराब रहने की संभावना है, जबकि 30 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मौसम के पूरी तरह साफ होने की उम्मीद जताई गई है।
स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन की सलाह का पालन करें। कई इलाकों में राहत दल तैनात कर दिए गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति का सामना किया जा सके। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे मौसम की जानकारी पर ध्यान दें और सतर्क रहें।