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May 7, 2025

भारत-पाक के बीच तनाव- हिमाचल में आज होगी मॉक ड्रिल, चप्पे-चप्पे पर छाएगा घुप अंधेरा

हवाई हमले से बचाव की दी जाएगी जानकारी

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Shimla News

शिमला। देशभर के 244 जिलों की तरह हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भी आज एक बड़ी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस अभ्यास का उद्देश्य आम लोगों को संभावित हवाई हमले जैसी आपात स्थिति में जागरूक करना और उन्हें व्यवहारिक प्रशिक्षण देना है। राजधानी शिमला के संजौली और DC कार्यालय परिसर को इस मॉक ड्रिल के लिए चिन्हित किया गया है।

 

ड्रिल के दौरान न केवल हवाई हमले का सिमुलेशन किया जाएगा, बल्कि ब्लैक आउट की स्थिति भी उत्पन्न की जाएगी। हवाई हमले का अभ्यास दिन के करीब 4 बजे किया जाएगा, जिसमें सायरन बजाकर लोगों को सचेत किया जाएगा, जबकि शाम 7:20 से 7:30 बजे तक ब्लैक आउट कर पूरे क्षेत्र में अंधेरा कर दिया जाएगा। सरकार ने इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं और आमजन से सहयोग की अपील की गई है।

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सायरन के साथ दी जाएगी चेतावनी

अधिकारियों के अनुसार, हवाई हमले की मॉक चेतावनी के तौर पर दो मिनट का तेज सायरन बजाया जाएगा, जिससे नागरिकों को संकेत मिलेगा कि वे सुरक्षित स्थानों की ओर जाएं और बचाव के दिशा-निर्देशों का पालन करें। यह सायरन अभ्यास का हिस्सा होगा, जिसमें जनमानस की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाएगा।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने की तैयारियों की समीक्षा

इस अभ्यास को लेकर मंगलवार सुबह 11 बजे केंद्रीय गृह सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राज्यों के साथ समीक्षा बैठक की। हिमाचल प्रदेश की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने बैठक में भाग लिया और राज्य की तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह अभ्यास काफी लंबे समय बाद हो रहा है और इसका मुख्य उद्देश्य जनता को संभावित आपातकालीन हालात के प्रति सचेत करना है।

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1971 के बाद पहली बार होगा ऐसा अभ्यास

बताया जा रहा है कि यह मॉक ड्रिल 1971 के भारत-पाक युद्ध के समय हुई ऐसी पिछली ड्रिल के बाद पहली बार आयोजित की जा रही है। वर्तमान में पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह कदम उठाया गया है। गौरतलब है कि इस हमले में 26 पर्यटकों की जान गई थी, जिसके बाद युद्ध जैसी आशंकाएं फिर से उभरने लगी हैं।

जिलों को सिविल डिफेंस के दायरे में लाने की तैयारी

अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने जानकारी दी कि वर्तमान में हिमाचल का केवल एक जिला सिविल डिफेंस एक्ट के अंतर्गत आता है, लेकिन राज्य सरकार ने प्रस्ताव भेजकर सभी 12 जिलों को इसके अंतर्गत लाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश की कम से कम एक प्रतिशत आबादी को सिविल डिफेंस की बुनियादी ट्रेनिंग दी जाए, जिससे किसी भी आपदा या युद्ध जैसी स्थिति में लोग खुद को और दूसरों को बचा सकें।

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यह मॉक ड्रिल न केवल सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों की परीक्षा होगी, बल्कि आम नागरिकों को आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूक और सक्षम बनाने का भी एक महत्त्वपूर्ण अवसर बनेगी।

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