शिमला। शारदीय नवरात्र के शुभ अवसर पर हिमाचल प्रदेश के सभी शक्तिपीठों और मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगना शुरू हो गई है। वहीं, मंदिरों को इस विशेष अवसर पर दुल्हन की तरह सजाया गया है।
आज से अगले 9 दिनों तक प्रदेश के विभिन्न शक्तिपीठों में मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाएगा। नवरात्र की शुरुआत होते ही सुबह से ही भक्तों की भीड़ मंदिरों में उमड़ने लगी है, जिसमें न केवल स्थानीय श्रद्धालु, बल्कि देशभर से आए भक्त भी शामिल हैं।
दूर दराज से आ रहे भक्त
इस दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली से भारी संख्या में श्रद्धालु शक्तिपीठों का दौरा कर रहे हैं। विशेषकर, पश्चिम बंगाल से भी भक्त शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। देवभूमि हिमाचल में मां के सभी मंदिरों में उत्सव जैसा माहौल बन गया है, जहां भक्त भावुक श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
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9 दिन रहेगी नवरात्र की धूम
शारदीय नवरात्र के इन 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाएगी। प्रदेश के प्रसिद्ध शक्तिपीठों जैसे ज्वाला जी, चामुंडा, ब्रजेश्वरी, मां चिंतपूर्णी, नैना देवी आदि में विशेष पूजा-अर्चना का प्रावधान किया गया है।
नवरात्रि के दौरान प्रमुख शक्तिपीठों की विशेषताएं:
नैना देवी मंदिर: बिलासपुर जिले में स्थित मां नैना देवी का मंदिर देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि यहां माता सती की आंख गिरी थी। नवरात्रि में यहां भक्तों की खासी भीड़ जुटती है, जो पूजा अर्चना के लिए आते हैं।
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ज्वाला जी मंदिर: कांगड़ा में स्थित मां ज्वाला जी का मंदिर भी प्रमुख शक्तिपीठों में शामिल है। कहा जाता है कि यहां भगवती सती की जीभ भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से कटकर गिरी थी। इस मंदिर में भक्तों को नवज्योति रूपों में भगवती के दर्शन होते हैं।
मां चिंतपूर्णी मंदिर: ऊना जिले में स्थित मां चिंतपूर्णी का मंदिर छिन्नमस्तिका के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि यहां मां पार्वती के पांव गिरे थे। नवरात्र के दौरान दर्शनों के लिए पर्ची प्रणाली लागू की गई है।
चामुंडा देवी मंदिर: कांगड़ा के पालमपुर में स्थित इस मंदिर में नवरात्र पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है। यहां सप्तचंडी का पाठ सुबह के समय किया जाता है, जिससे भक्तों की संख्या में इजाफा होता है।
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बृजेश्वरी देवी मंदिर: कांगड़ा देवी के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में भी नवरात्र पर्व पर विशेष पूजा अर्चना होती है। यहां मां सती का बाया वक्ष गिरा था, जिसके कारण यह स्थान प्रसिद्ध हो गया।
कालीबाड़ी मंदिर: शिमला में स्थित कालीबाड़ी मंदिर में भी नवरात्र के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। यहां पर स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ-साथ देशभर से आने वाले भक्त पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं।
इन शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है और भक्त खुले दिल से चढ़ावा चढ़ाते हैं। सोना और चांदी की कीमतें भले ही आसमान छू रही हों, लेकिन इन मंदिरों में श्रद्धालुओं की आस्था अडिग रहती है। नवरात्रि के इस पावन पर्व पर सभी भक्तों को मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने दूर दराज से लोग पहुंच रहे हैँ।