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September 7, 2024

वक्फ़ बोर्ड को पता ही नहीं: किसने बनाई मस्जिद, फंड के पीछे मास्टरमाइंड?

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला में विवादों में घिरी संजौली की मस्जिद को लेकर नगर निगम कमिश्नर कोर्ट में सुनवाई हुई है। करीब आधा घंटा चली कार्यवाही में कोर्ट ने अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को तय की है। मामले में कोर्ट ने जेई, वक्फ बोर्ड के वकील, स्थानीय नागरिकों के वकील और निगम की संपदा शाखा को पेश होने के आदेश दिए है।

कोर्ट में पेश हुआ मोहम्मद लतीफ

आज 10.30 बजे चौड़ा मैदान स्थित MC कोर्ट में चली कार्यवाही में मस्जिद कमेटी की तरफ से मोहम्मद लतीफ पहली बार सुनवाई में आए। वक्फ बोर्ड की तरफ से दावा किया गया कि जमीन का मालिकाना हक है। वहीं, कोर्ट में मोहम्मद लतीफ ने जानकारी दी कि जब तक वे मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष थे, तबतक मस्जिद केवल ढ़ाई मंजिला बनी थी। इसके बाद निर्माण कैसे हुआ इसका कोई पता नहीं। यह भी पढ़ें: हाल-ए-हिमाचल : 4 सालों में बनी 127 नई मस्जिदें, कितनी बढ़ी आबादी?

वक्फ बोर्ड नहीं पेश कर पाया रिकॉर्ड

वहीं, कमिश्नर कोर्ट ने मोहम्मद लतीफ से मस्जिद निर्माण में खर्च हुए पैसे का ब्यौरा पूछा, जिसका महोम्मद लतीफ कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। कोर्ट में ये भी तथ्य सामने आया कि निर्माण का कोई नक्शा पास नहीं हुआ है। इस लिए ये निर्माण गलत है।

निर्माण के लिए फंडिंग कहां से आई

कमिश्नर कोर्ट ने वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी से पूछा कि निर्माण के लिए पैसा कहां से आया है जिसपर उन्होंने जवाब दिया कि आढ़ती लोगों ने फंडिंग की ह। इस पर कमिश्नर कोर्ट ने पूछा कि फंडिंग कैश में हुई या अन्य तरीके से।जिसपर वकील ने भी कोई जवाब नहीं दिया। ऐसे में कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 5 अक्तूबर के लिए कर दी। यह भी पढ़ें: हिमाचल से अमृतसर जा रही बस रास्ते में पलटी, डेढ़ दर्जन लोग थे सवार

कोर्ट ने दिए जेई को निर्देश

कमिश्नर कोर्ट ने जेई को निर्माण से जुड़ी रिपोर्ट पेश करने को कहा है।मामले में नगर निगम के जेई, वक्फ बोर्ड के वकील, स्थानीय नागरिकों के वकील व निगम की संपदा शाखा के प्रतिनिधि पेश हुए।

निर्माण में मास्टर माइंड का हाथ

संजौली लोकल रेजिडेंट (हिंदू संगठन) के एडवोकेट ने जगत पाल कहा है कि जिस जमीन पर मस्जिद बनी, वह सरकारी है। वक्फ बोर्ड इसमें अतिक्रमणकारी है। लोकल रेजिडेंट की ओर से अदालत में एक और एप्लिकेशन दी गई है, जिसमें कहा गया कि मस्जिद के कारण क्या-क्या परेशानी हो रही है। संजौली हिंदू संगठन के एडवोकेट ने निर्माण में एक मास्टर माइंड की बात कही है, जो बाहरी राज्य का बताया जा रहा है।

क्या कहता है वक्फ बोर्ड

वहीं वक्फ बोर्ड के वकील भूप सिंह ठाकुर ने बताया कि एक मंजिल के निर्माण की उनको जानकारी है। लेकिन उसके बाद बनी 4 और मंजिल किसने बनाई इसकी उनको भी जानकारी नहीं है। वक्फ बोर्ड ने कोर्ट में अपील की है कि मस्जिद को गिराया न जाए और इसका नक्शा पास किया जाए। यह भी पढ़ें: हिमाचल- ‘प्यारी बहना’ योजना में सरकार ने दिया झटका, इन महिलाओं को नहीं मिलेगा लाभ

बाहरी लोगों ने किया निर्माण

वहीं वक्फ बोर्ड के स्टेट ऑफिसर कुतुबदीन का कहना कि ज़मीन वक्फ बोर्ड की है और रिकार्ड में भी एक मंज़िल मस्जिद दर्ज है लेकिन उसके किसने निर्माण किया इसकी उनको जानकारी है। बाहरी राज्यों से कुछ मुस्लिम लोग शिमला आए और उन्होंने स्थानीय मस्जिद कमेटी को भी दरकिनार कर अवैध रूप से चार और मंज़िल मस्जिद के बना दिए। वक्फ बोर्ड ने मस्जिद को न गिराने की कोर्ट में अपील की है।

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