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November 15, 2024

हिमाचल : अगले महीने होना था रिटायर, मगर तिरंगे में लिपटी देह पहुंची घर

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मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले ने एक हफ्ते में अपने दो वीर जवानों को देश सेवा करते हुए खे दिया। वीर जवानों ने देश की सरहद पर रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। दोनों वीर जवानों ने घर पर आने को लेकर कई सपने संजोए थे, लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि उनके घर अब वो ताबूत में तिरंगे में लिपटकर जाएंगे।

अधूरे रह गए कई सपने

दोनों वीर जवानों के कई सपने अधूरे रह गए। एक ने जहां अगले महीने रिटायर आना था। वहीं, दूसरे ने अगले महीने आकर अपने परिवार के लिए नए घर का निर्माण करवाना था। यह भी पढ़ें : हिमाचल : पूर्व CPS से करवाया मकान खाली तो बोले- सड़क पर आ जाएं क्या हम

हर ओर मची चीख-पुकार

आपको बता दें कि मंडी जिला के बग्गी गांव का जवान सुरेश कुमार लेह-लद्दाख में शहीद हो गया था। जवान की मौत हृदय गति रुक जाने से हुई थी। जवान की मौत की खबर जैसे ही उसके परिवार को मिली तो परिवार सहित पूरे गांव में मातम पसर गया। शहीद की बूढ़ी मां और पत्नी का रो-रो कर बेहाल हो गईं। वहीं, बच्चे भी पिता की मौत से गहरे सदमें में हैं। शहीद सुरेश कुमार की पार्थिव देह गुरुवार को उनके पैतृक गांव पहुंची। शहीद की पार्थिव देह के घर पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। हर तरफ चीख पुकार मच गई। यह भी पढ़ें : हिमाचल में आज बदलेगा मौसम का मिजाज, जानें कब और कहां होगी बारिश-बर्फबारी

बूढ़ी मां और पत्नी हुए बेसुध

शहीद जवान की बूढ़ी मां और पत्नी तिरंगे में लिपटे बेटे को देख कर एक तरफ जहां बेसुध हो गई थी। वहीं, सुरेश की शहादत पर गर्व भी महसूस कर रही थीं। शहीद की पार्थिव देह को तुंगल घाटी के स्थानीय शमशान घाट में ले जाया गया। जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

सेल्यूट कर दी अंतिम विदाई

शहीद की अंतिम यात्रा में क्षेत्र के सैंकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। सुरेश की पत्नी ने लाल जोड़े में नम आंखों से सेल्यूट कर अपने पति को अंतिम विदाई दी। जवान की मुखाग्नि उनके 17 साल के बेटे ने दी। शहीद जवान के घर में उसकी बूढ़ी मां के अलावा पत्नी, 19 साल की बेटी और 17 साल का बेटा है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : रात को घर फोन कर सोया था रमेश, सुबह परिवार को मिली बुरी खबर

दो दिन पहले हुई थी घर पर बात

बताया जा रहा है कि सुरेश कुमार अभी एक महीने की छुट्टी लेकर घर आया था। कुछ दिन पहले ही सुरेश ने वापस ड्यूटी ज्वाइन की थी। सुरेश की आखिरी बार सुरेश की बात उनकी पत्नी से बीती 11 नवंबर को हुई थी। सुरेश ने पत्नी को जल्द ही फैजाबाद जाने की बात कही थी।

अगले महीने होना था रिटायर

परिजनों ने बताया कि सुरेश ने अगले महीने की 31 तारीख को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर घर लौटना था। उन्होंने बताया कि सुरेश के रिटायरमेंट के बाद को लेकर भी कई प्लान थे। मगर होनी को कुछ ओर ही मंजूर था। यह भी पढ़ें : हिमाचल के डिपुओं में नहीं मिल रहा सस्ता राशन, जानिए क्या है कारण

घर बनाने का था सपना

आपको बता दें कि बीते रविवार को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकी मठभेड़ में शहीद हुए JCO राकेश कुमार का घर बनाने का सपना था। उन्होंने वादा किया था कि वो दिसंबर में छुट्टी आएंगे और नए घर का काम लगवाएंगे। मगर उससे पहले ही आतंकी मठभेड़ में वो शहीद हो गए। शहीद राकेश कुमार अपने पीछे बूढ़ी मां, पत्नी, 14 साल की बेटी और 9 साल का बेटा छोड़ गए हैं।

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