कांगड़ा। वीरभूमि हिमाचल ने पिछले करीब आठ दिनों में अपना छठा वीर जवान खो दिया है। ताजा मामला हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से सामने आया है। यहां देहरा के बेटे संदीप कुमार पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। संदीप कुमार की चीता को मुखाग्नि उनके दस साल के बेटे ने दी।
पंचतत्व में विलीन हुए संदीप
शहीद संदीप का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। संदीप की अंतिम यात्रा में सैंकड़ों लोग शामिल हुए। लोगों ने वीर जवान अमर रहे नारों के साथ नम आंखों से संदीप को अंतिम विदाई दी।
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ITBP में दे रहे थे सेवाएं
संदीप कुमार को J&K में ड्यूटी के दौरान शहादत मिली है। संदीप कुमार ITBP में अपनी सेवाएं दे रहे थे और वर्तमान में J&K के सांबा में तैनात थे। बीते रविवार को ड्यूटी के दौरान अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई और उनकी मौत हो गई। संदीप कुमार की शहादत ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है।
परिवार को यूनिट से आया फोन
बताया जा रहा है कि परिवार को यूनिट से फोन पर सूचना मिली कि संदीप की तबीयत खराब हो गई है और उसे जम्मू के अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाया गया है। सूचना मिलते ही परिजन जम्मू के लिए रवाना हुए। मगर तब तक दोबारा फोन आया कि संदीप का निधन हो चुका है।
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जम्मू में तैनात थे संदीप
आपको बता दें कि 41 वर्षीय ITBP जवान संदीप कुमार देहरा विधनासभा क्षेत्र के बढलठोर गांव के रहने वाले थे। संदीप कुमार साल 2000 में ITBP में भर्ती हुए थे। संदीप की शहादत के बाद से पूरे परिवार और गांव में मातम पसरा हुआ है।
आज होगा अंतिम संस्कार
संदीप की पार्थिव देह सोमवार रात देहरा पहुंच गई थी- वहां देहरा अस्पताल के शव गृह में रखी गई थी। फिर मंगलवार को पार्थिव देह उनके पैतृक गांव लाया गया। जहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
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छोड़ गए भरा-पूरा परिवार
संदीप कुमार अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। संदीप के परिवार में उनके बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी और दस साल का बेटा रह गया है। संदीप की शहादत खबर मिलने के बाद बुजुर्ग मां-बाप और पत्नी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। संदीप अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे।
करीब हफ्ता पहले आए थे घर
बताया जा रहा है कि संदीप अपने मां-बाप का इकलौता सहारा थे। हाल ही संदीप छुट्टी लेकर घर भी आए थे। बताया जा रहा है कि बीती 17 दिसंबर को संदीप की दादी का निधन हो गया था। संदीप उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए घर आए हुए थे और बीती 20 दिसंबर को ही वापस ड्यूटी पर लौटे थे। संदीप की शहादत से पूरे गांव में माहौल गमगीन है। करीब 15 दिनों में घर को दो सदस्यों की मौत ने परिवार को झकझोर कर रख दिया है।
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हाल ही में 29 दिसंबर को नादौन उपमंडल के आदर्शनगर गांव का बेटा पंचतत्व में विलीन हुआ था। वीर जवान रिंकू कुमार को असम में शहादत मिली थी। रिंकू कुमार एक महीने पहले ही छुट्टी काटकर ड्यूटी पर वापस लौटे थे। रिंकू कुमार अपने पीछे माता-पिता, पत्नी और 4 साल का बच्चा छोड़ गए हैं।