ऊना। हिमाचल प्रदेश के ऊना स्थित हरोली क्षेत्र के गांव बीटन निवासी परमवीर सिंह (33) पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। परमवीर के पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। परमवीर लेह में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए थे।
पंचतत्व में विलीन हुए परमवीर
परमवीर सिंह भारतीय सेना की 3 सिख बटालियन में तैनात थे। उनकी पार्थिव देह आज सुबह उनके पैतृक गांव पहुंची। यहां कुछ देर घर पर अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव देह को रखा गया। इसके बाद उनके पैतृक गांव के शमशान घाट में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
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बेसुध हो गई शहीद की पत्नी
परमवीर की पत्नी मलकीत कौर को पति को तिरंगे में लिपटा देख बेसुध हो गई। परमवीर के माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है और अब उनकी पत्नी अपने छोटे बेटे के साथ अकेली रह गई है। परमवीर की शहादत के बाद पत्नी सदमे में है। घर पर रिश्तेदारों और सगे-संबंधियों को देख बच्चा टकटकी लगाए पिता को निहारता रहा।
हाल ही में आए थे घर
परमवीर बीटन गांव के रहने वाले थे। कुछ समय पहले ही वे अपने 5 वर्षीय बेटे की बीमारी के चलते दो सप्ताह के लिए घर आए थे। 9 दिसंबर को वो फिर से ड्यूटी पर लौटे थे। वहीं, 23 दिसंबर को उनके निधन की खबर ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया। खराब मौसम के चलते दो दिन तक उनकी पार्थिव देह घर नहीं पहुंच सकी। मगर आज सुबह पार्थिव देह को लेह से एयरलिफ्ट कर उनके घर पहुंचाया गया।
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हृदय गति रुकने से निधन
बता दें कि परमवीर सिंह का लेह-लद्दाख में हृदय गति रुकने से निधन हुआ है। परमवीर पिछले 13 वर्षों से भारतीय सेना में सेवा दे रहे थे और अपनी साहसिकता के लिए जाने जाते थे। वर्ष 2015 में सियाचिन (लद्दाख) में एक आतंकवादी मुठभेड़ के दौरान उन्हें पेट में गोली भी लगी थी।
डिप्टी सीएम ने किया शोक व्यक्त
उधर, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने परमवीर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि परमवीर ने अपनी जान की बाजी लगा कर देश की सेवा की। उन्होंने शहीद सैनिक के परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।