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June 3, 2025
मनीष की शहादत को सलाम- पति का इंतजार कर रही थी नविवाहिता, आज घर पहुंचेगी पार्थिव देह
तीन महीने पहले ही हुई थी मनीष की शादी
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सिरमौर। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में वीरगति हासिल करने वाले मनीष ठाकुर की पार्थिव देह आज घर पहुंच सकती है। परिजन रविवार से बेटे के घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वो आखिरी बार अपने लाडले को जी भर के निहार सकें। घर पर कुछ देर रखने के बाद पूरे सैन्य सम्मान के साथ मनीष को अंतिम विदाई दी जाएगी।
मनीष नाहन उपमंडल के बड़ाबन गांव के रहने वाले थे। मनीष की शहादत की खबर मिलते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गई। जबकि, पूरे गांव में माहौल गमगीन बना हुआ है। आस-पड़ोस के लोग, रिश्तेदार और जान-पहचान के लोग परिजनों को ढांढस बांधने पहुंच रहे हैं। मनीष की नविवाहिता बेसुध हो गई है। तीन महीने पहले ही मनीष उन्हें व्याह कर घर लाए थे।
वर्तमान में मनीष ठाकुर सिक्किम में बतौर लांस नायक थ्री-डोगरा युनिट में अपनी सेवाएं दे रहे थे। 27 वर्षीय मनीष ने ड्यूटी निभाते हुए वीरगति हासिल की है। माना जा रहा है कि मनीष की जान भीषण बाढ़ या भूस्खलन जैसे कठिन परिस्थितियों के कारण हुई है। बीती शाम को मनीष सिक्किम के छत्ते गांव में ड्यूटी पर तैनात थे। शाम करीब 7.30 बजे एवलांच की चपेट में आ गए।
मनीष का जन्म 15 जनवरी, 1998 को नाहन के बड़ाबन गांव में हुआ था। मनीष साल 2016 में सेना में भर्ती हुए थे। भर्ती होने के महज 8 साल 8 महीने के बाद मनीष देश सेवा करते हुए शहीद हो गए। मनीष की इसी साल 6 मार्च को शादी हुई थी। मनीष ने 10 अप्रैल को ही वापस ड्यूटी ज्वाइन की थी। मनीष के पिता जोगिंदर सिंह मजदूरी करते हैं। बेटे की शहादत ने पिता को जहां एक तरफ झकझोर कर रख दिया है। वहीं, उन्हें अपने बेटे की शहादत पर बहुत गर्व भी है। वहीं, मनीष की मां और पत्नी ये मानने को तैयार ही नहीं है कि अब मनीष उनके बीच नहीं रहे हैं।
मनीष की शहादत के बाद परिजन सदमे में है। परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मनीष अपने पीछे पत्नी तनु, माता-पिता और छोटा भाई छोड़ गए हैं। मनीष की शहाद की खबर सुनने के बाद उनकी पत्नी और मां का रो-रो कर बुरा हाल है। दोनों मनीष को याद कर बार-बार बेसुध हो रही हैं। जिन हाथों से अभी मेहंदी का रंग भी नहीं छूटा था- उसी सुहागन का आज सुहाग उजड़ गया है।
फिलहाल, मनीष की पार्थिव देह उनके घर नहीं पहुंची है। मनीष के परिजन दरवाजे पर आंखे टिकाए हुए हैं कि कब वो अपने लाडले को देखें। मनीष की पार्थिव देह आज हेलिकॉप्टर से चंडीगढ़ तक लाई जाएगी। अगर मौसम ने कोई बाधा नहीं डाली तो आज दोपहर तक शहीद की पार्थिव देह उनके घर पहुंच जाएंगी- जहां पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
आपको बता दें कि बीते रविवार शाम करीब 7 बजे सिक्किम मिलिट्री कैंप भारी बारिश के बाद लैंडस्लाइड की चपेट में आ गया था। जिसकी चपेट में वहां मौजूद तीन जवान आ गए। जबकि, 4 लोगों को मलबे में से जिंदा भी बाहर निकाला गया। हालांकि, 6 जवान अभी भी लापता है। अन्य जवानों द्वारा जवानों को खोजने के लिए सर्च ऑपरेशन किया जा रहा है।