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September 15, 2024

पंचतत्व में विलीन हुए शहीद अरविंद, पिता की विदाई को एकटक देखता रहा मासूम

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हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के हमरीपुर जिले के वीर जवान अरविंद सिंह की पार्थिव देह आज रविवार सुबह गांव पहुंची तो माहौल गमगीन हो गया। जवान अरविंद सिंह का आज उनके पैतृक गांव में सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अरविंद के छोटे भाई ने उन्हें मुखाग्नि दी।

बाइक रैली निकाल कर दी श्रद्धांजलि

शहीद को श्रद्धांजली देने के लिए आज बाजार बंद रखे गए। लोगों ने सड़कों पर  बाइक रैली निकाल कर जवान की पार्थिव देह का इंतजार किया और पार्थिव देह लेकर आई एंबुलेंस पर पुष्पवर्षा की। इस दौरान लोगों ने भारत माता की जय, अरविंद सिंह अमर रहे के नारे भी लगाए। यह भी पढ़ें: रामपुर में फिर फटा बादल : उफान पर नदी-नाले, अलर्ट जारी

आतंकी मुठभेड़ में हुए शहीद

आपको बता दें कि अरविंद बीते शुक्रवार को किश्तवाड़ में चल रहे आतंकियों के एनकाउंटर में घायल हो गए थे और बाद में वह शहीद हो गए। परिवार को अरविंद के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद से पूरे इलाके में शौक की लहर दौड़ गई थी। बीते दिन से ही परिजनों के साथ-साथ पूरे क्षेत्र के लोग शहीद की पार्थिव देह घर पहुंचने का इंतजार कर रहे थे।

मासूम के सिर से उठा पिता का साया

सिपाही अरविंद सिंह CM सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृहक्षेत्र नादौन के हथौल गांव के रहने वाले थे। अरविंद सिंह अपने पीछे एक 14 महीने का बेटा, पत्नी, माता-पिता और छोटा भाई छोड़ गए हैं। अरविंद के शहीद होने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। अरविंद के बेटे ने अभी तक अपने पिता का मुंह ढंग से देखा तक भी नहीं है। यह भी पढ़ें: सुक्खू सरकार की किस योजना के मुरीद हुए राहुल गांधी, यहां जानें पूरी डिटेल

सुबह हुई थी फोन पर बात

बताया जा रहा है कि अरविंद जन्माष्टमी के दौरान घर पर आए हुए थे। 15 दिन पहले ही वह छुट्टियां बिताकर वापस ड्यूटी पर गए थे। अरविंद ने शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे घर पर वीडियो कॉल के माध्यम से पूरे परिवार से बात की थी। रात को परिवार को अरविंद की शहादत की सूचना मिली। बेटे की शहादत की खबरें सुनते ही परिजन सन्न हो गए। अचानक अरविंद के जाने से परिवार सदमे में है।

2017 में सेना में हुए थे भर्ती

आपको बता दें कि अरविंद सिंह 2017 में सेना में सिपाही रैंक पर भर्ती हुए थे। उनकी बटालियन 20 डोगरा थी और वह राष्ट्रीय राइफल किश्तवाड़ में तैनाती थी। अरविंद के छोटे भाई परमजीत भी डोगरा रेजीमेंट-8 जम्मू में तैनात हैं। अरविंद के दादा देवी सिंह भी भारतीय सेना में कार्यरत थे। अरविंद के पिता दिहाड़ी-मजदूरी का काम करते हैं।

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