शिमला। पहाड़ों की रानी और देवभूमि हिमाचल की राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में आज उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया, जब सैंकड़ों हिंदू संगठन से जुड़े और स्थानीय लोगों ने संजौली में निर्माणाधीन अवैध मस्जिद का घेराव कर दिया। यह लोग संजौली बाजार से रैली निकालते हुए अवैध मस्जिद के बाद पहुंचे और यहां प्रदर्शन किया और वहीं पर बैठ कर हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद को अवैध बताते हुए उसे तोड़ने की मांग उठाई।
प्रदर्शनकारियों ने क्या उठाई मांग
लोगों ने आरोप लगाया कि यहां पर एक मंजिला भवन की अनुमति थी, लेकिन विशेष समुदाय के लोगों ने यहां बिना प्रशासन की मंजूरी के अवैध तरीके से तीन मंजिला मस्जिद बना दी है। जिसके चलते प्रदर्शनकारी इस अवैध रूप् से बनी मस्जिद को तोड़ने की मांग पर अड़े रहे। लोगों के प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल को बुलाना पड़ा।
डीसी एसपी भी पहुंचे मौके पर
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि शिमला में बाहरी राज्यों से आ रहे विशेष समुदाय के लोगों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यह लोग अब यहां हिंदू समाज को डराने धमकाने भी लगे हैं। लोगों ने शहर में रेहड़ी फड़ी लगाने वाले वाहरी राज्यों के लोगांे की पुलिस वेरिफिकेशन करवाए जाने की मांग की। मामले के तुल पकड़ने पर शिमला के डीसी अनुपम कश्यप और एसपी संजीव गांधी भी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को शांत किया।
यह भी पढ़ें: हिमाचल: स्कूल के पास चिट्टा बेचती थी महिला, जानें कितना नशा बरामद हुआ
क्यों भड़का मामला
दरअसल मस्जिद के अवैध निर्माण तुड़वाने के मामले ने इसलिए भी तूल पकड़ा, क्योंकि शुक्रवार शाम मल्याणा में हिंदू और मुसलमान समुदाय के कुछ लोगों के बीच लड़ाई हुई। आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक स्थानीय दुकानदार यशपाल सिंह को मारा और उसके सिर पर 14 टांके लगे। स्थानीय लोगों की मांग है कि आरोपी पर अटेम्प्ट टू मर्डर की धारा के तहत मामला चलना चाहिए। वहीं डीसी और एसपी ने इस मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
कौन है इस मस्जिद का मौलवी
दरअसल राजधानी शिमला में करीब 90 के दशक में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिला का सलीम खान नाम का एक शख्स शिमला आया था। यहां आकर उसने दर्जी की दुकान खोली। लेकिन कुछ माह बाद सलीम खान ने अपने क्षेत्र के कई लोगों को धीरे धीरे यहां बुलाना शुरू कर दिया। जब यहां काफी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग एकत्रित हो गए तो सलीम खान खुद मौलबी बन गया।
यह भी पढ़ें: कर्ज की गर्त में हिमाचल- सुक्खू सरकार ने अब तक लिया 21 हजार करोड़ का लोन
सलीम खान ने वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनाई थी एक मंजिला मस्जिद
कुछ साल यहां रहने पर सलीम खान ने उपमंडल संजौली में वक्फ बोर्ड की जमीन पर एक मस्जिद बना दी। एक मंजिला भवन की अनुमति लेकर सलीम खान ने यहां एक एक कर कई मंजिला खड़ी कर दी और यहां दिन प्रतिदिन इबादत करने वालों की संख्या में भी बढ़ती जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सलीम खान की शह पर दूसरे जिला से मुस्लिम लोग यहां आ रहे हैं और संजौली पर कब्जा जमा रहे हैं।
अवैध मस्जिद निर्माण पर प्रशासन और नगर निगम क्यों रहा खामोश
अब सवाल यह उठ रहा है कि राजधानी शिमला के संजौली में अगर एक मंजिला भवन की इजाजत थी, तो कैसे यहां कई मंजिला बना ली गईं। जब इस भवन का निर्माण कार्य चल रहा था, तब प्रशासन कहां सोया हुआ था, स्थानीय पार्षद को क्यों नहीं दिखा कि यहां अवैध तरीके से एक एक कर मंजिलें बनाई जा रही हैं। अब जब यह बताया जा रहा है कि तीन मंजिला अवैध हैं तो क्या उन पर प्रशासन या शिमला नगर निगम बुलडोजर एक्शन लेगा।
मंडी में बन रही थी इसी तरह से अवैध मस्जिद
बता दें कि इससे पहले मंडी जिला में भी इसी तरह का मामला सामने आया था। मंडी जिला के मांडव अस्पताल के सामने एक अंडरग्राउंड बहुमंजिला मस्जिद को बनाया जा रहा था। इस बहुमंजिला मस्जिद के निर्माण में बाहरी राज्यों के विशेष समुदाय के लोग आकर श्रमदान कर रहे थे। करोड़ों रुपए से इस मस्जिद का निर्माण कार्य किया जा रहा था। अब इसी तरह का मामला शिमला के संजौली से भी सामने आया है। जिस पर लोग सवाल उठा रहे हैं।
क्या कहते हैं एसपी शिमला
एसपी शिमला संजीव कुमार गांधी ने कहा कि यहां किसी भी तरह के सामाजिक तत्व को पनपने नहीं दिया जाएगा। कानून पूरी तत्परता के साथ अपना काम करेगा। उन्होंने कहा कि मारपीट के मामले में अटेंप्ट टू मर्डर की धारा के तहत ही मामला दर्ज किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि समयबद्ध तरीके से नगर निगम पार्षदों के साथ बैठकर इस पूरे मामले का हल निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि शिमला में काम करने के लिए बाहरी राज्यों से आने वाले प्रवासियों का पंजीकरण किया जाता है और इसे लेकर पुलिस पूरी तरह सजग है।इस पूरे मामले की जांच भी एएसपी रतन नेगी करेंगे। इसी तरह शिमला की उपायुक्त अनुपम कश्यप ने भी लोगों की परेशानी सुनी और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
क्या कहते हैं नगर निगम शिमला के आयुक्त
वहीं नगर निगम शिमला के आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने बताया कि यहां सिर्फ एक ही मंजिल बनाने की अनुमति दी गई थी। अन्य तीन मंजिलों को अवैध रूप से बनाया गया है। अवैध निर्माण का केस कोर्ट में भी चल रहा है। पहले इस मामले में एक ही व्यक्ति पार्टी था, लेकिन अब वक्फ बोर्ड को इस मामले में पार्टी बनाया गया है।
इस जमीन का मलिकाना हक वक्फ बोर्ड के पास ही है। भूपेंद्र अत्री ने कहा कि मामला शनिवार को सुना जाना है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी। भूपेंद्र अत्री ने कहा कि जब से मामला कोर्ट में है, तब से यहां कोई नया निर्माण नहीं हुआ है।