शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश अब जस्टिस जीएस संधवालिया होंगे। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने उनकी नियुक्ति की सिफारिश की थी जिसे केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर मंजूरी दे दी है। जस्टिस संधवालिया की यह नियुक्ति हिमाचल प्रदेश के न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है।
सितंबर 2011 से हुई न्यायिक सेवा की शुरुआत
जस्टिस जीएस संधवालिया का जन्म 1 नवंबर 1965 को हुआ। उन्होंने चंडीगढ़ के डीएवी स्कूल से 1986 में बीए (ऑनर्स) की डिग्री हासिल की और 1989 में पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की।
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उसी वर्ष वे वकील के रूप में नामांकित हुए। उनकी न्यायिक सेवा की शुरुआत 30 सितंबर 2011 को हुई जब उन्हें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 24 जनवरी 2014 को उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में पुष्टि मिली।
पिता भी रहे हैं जस्टिस
जस्टिस संधवालिया के परिवार में न्यायिक सेवा का एक गौरवशाली इतिहास है। उनके पिता जस्टिस सुरजीत सिंह संधवालिया 1978 से 1983 तक पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और 1983 से 1987 तक पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे। इस प्रकार जस्टिस संधवालिया न्यायाधीशों की दूसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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प्रदेश के न्यायिक ढांचे को मिलेगी और मजबूती
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश राजीव शकधर 18 अक्टूबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवाएं दे रहे थे।
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जस्टिस संधवालिया की नियुक्ति से न्यायपालिका में स्थिरता और कुशल नेतृत्व की उम्मीद है। उनकी न्यायिक योग्यता और अनुभव हिमाचल प्रदेश के न्यायिक ढांचे को और मजबूत करने में सहायक होंगे।