शिमला। हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बीजेपी विधायकों सुरेंद्र शौरी, रणधीर शर्मा व डीएस ठाकुर ने सरकार से सवाल किया था कि वर्तमान में शराब की एक बोतल पर कितना गौ-सेस लगाया जाता है। साथ ही इससे पिछले तीन वर्षों में कितना रेवेन्यू प्राप्त हुआ है और इस उपकार से हुई आय का किन मदों में व्यय किया गया है। इसकी जानकारी भी मांगी गई थी।
डेढ़ से ढाई रुपए प्रति बोतल लिया सेस
अब सरकार की ओर से इस पर दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने 2021-22 में एक शराब की बोतल पर 1.50 रुपये और 2022-23 से 2.50 रुपए प्रति बोतल गौधन विकास निधि के तहत सेस लिया है। पिछले तीन सालों में शराब की बिक्री से प्राप्त गौ-सेस का विवरण और उसका उपयोग इस प्रकार है..
यह भी पढ़ें: छुट्टी बिताने शिमला पहुंची प्रियंका गांधी, निजी बताया जा रहा दौरा
- वित्त वर्ष 2021-22 में प्रदेश सरकार को 9,36,43,245 रुपए गौधन विकास निधि सेस प्राप्त हुआ।
- वित्त वर्ष 2022-23 में प्रदेश सरकार को 12,05,80,734 रुपए गौधन विकास निधि सेस प्राप्त हुआ।
- वित्त वर्ष 2023-24 में प्रदेश सरकार को 22,33,23,228 रुपए गौधन विकास निधि सेस प्राप्त हुआ।
- इस तरह से अब तक सरकार को कुल 43,75,47,207 करोड़ रुपए का गौधन विकास निधि सेस प्राप्त हुआ।
गोपाल योजना के तहत बढ़ाए 200 रुपए
हिमाचल प्रदेश गौसेवा आयोग को प्रत्येक वर्ष इस सेस से प्राप्त धनराशि प्रदान की जाती है। जिसका उपयोग सरकारी और गैर-सरकारी गौ सदनों, गौशालाओं और गौ अभ्यारण्यों में बेसहारा गौवंश के संरक्षण के लिए किया जाता है।
यह भी पढ़ें: मस्जिद विवाद पर बोले अनुराग: अब हिंदू विरोध भी नहीं कर सकते ?
शुरू में गौ सदनों और गौशालाओं को प्रति गौवंश 500 रुपए प्रति माह दिए जा रहे थे। जिसे अब "गोपाल योजना" के तहत बढ़ाकर 700 रुपए प्रति गौवंश प्रति माह कर दिया गया है।
गौसेवा आयोग के पास बचे हैं करोड़ों रुपए
पिछले तीन वर्षों में, इस योजना के तहत गौसेवा आयोग को कुल
43,75,47,207 रुपए की धनराशि दी गई है, जिसमें से
34,24,37,603 रुपए जुलाई 2024 तक व्यय किए जा चुके हैं। शेष
9,51,09,604 रुपए अभी भी आयोग के पास हैं।
गौवंश के पालन-पोषण के लिए दी जाती है राशि
प्रदेश भर में बेसहारा गौवंश की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो सड़कों पर दुर्घटनाओं और किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने का कारण बन रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने शराब पर गौ-सेस लगाया। जिससे प्राप्त राशि गौशालाओं को गौवंश के पालन-पोषण के लिए दी जाती है।