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November 25, 2024

हिमाचल में बेरोजगारी का संकट- आंकड़ों ने खोली सुक्खू सरकार की पोल

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है, जबकि राज्य सरकारें रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए कई योजनाओं का दावा करती रही हैं। बता दें कि प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों का आंकड़ा 8 लाख के आसपास है और कांग्रेस की सुक्खू सरकार के पिछले 22 महीनों में सिर्फ 15,000 युवाओं को ही रोजगार मिल पाया है।

निजी सेक्टर में मिला है रोजगार

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, राज्य सरकार ने युवाओं को रोजगार के अवसर देने के लिए कई उपाय किए हैं जैसे रोजगार मेलों और कैम्पस साक्षात्कार। जनवरी 2023 से अब तक श्रम एवं रोजगार विभाग ने आठ रोजगार मेलों और 771 कैम्पस साक्षात्कार का आयोजन किया जिसके तहत 13,637 युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त हुआ। वहीं, सरकारी नौकरियों में 1,327 युवाओं को रोजगार प्रदान किया गया। यह भी पढ़ें : हिमाचल कांग्रेस की गुटबाजी को खत्म करने की तैयारी- आज होने जा रही अहम बैठक

सरकार ने 1,300 युवाओं को किया भर्ती

आंकड़ों के अनुसार, सुक्खू सरकार के तहत 15,000 युवाओं को रोजगार मिला है, जिसमें से लगभग 13,000 युवाओं को निजी क्षेत्र में नौकरी मिली है, जबकि सरकारी नौकरियों में सिर्फ 1,300 युवाओं को नियुक्ति दी गई है। इसके बावजूद, राज्य में बेरोजगारों की तादाद 8 लाख के करीब बनी हुई है, जो रोजगार सृजन की दिशा में सरकार की नीतियों की प्रभावशीलता पर सवाल खड़ा करता है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : खड्ड में डूब गया युवक, बहन और जीजा के साथ आया था घूमने

2 सालों से खाली पड़े हैं कई पद

राज्य सरकार द्वारा हाल ही में दो वर्षों में रिक्त पड़े सरकारी पदों को खत्म करने की अधिसूचना जारी करने के बाद सियासी हलकों में विवाद छिड़ गया था। विपक्षी दल भाजपा ने इस कदम पर कड़ी आलोचना की थी, लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय सिर्फ गैर जरूरी और अनावश्यक पदों को समाप्त करने के लिए लिया गया था, न कि कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने के लिए।

बेरोजगारों की अधिकतम तादाद कांगड़ा में

आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में बेरोजगारी का सबसे बड़ा संकट कांगड़ा जिले में है, जहां करीब 1.60 लाख लोग बेरोजगार हैं। इसके बाद मंडी, शिमला, ऊना, चंबा और हमीरपुर जिलों का नंबर आता है। वहीं, जनजातीय जिलों लाहौल-स्पीति और किन्नौर में बेरोजगारों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : हाईवे पर साधु को कार चालक ने रौंदा, मंदिर जा रहा था बेचारा

कांग्रेस की गारंटियां फेल

आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, 31 मार्च 2021 तक प्रदेश में सरकारी और निजी क्षेत्रों में कुल 4,75,156 लोग कार्यरत थे, जबकि बेरोजगारी दर 4.0 प्रतिशत थी, जो 2022-23 में बढ़कर 4.4 प्रतिशत तक पहुंच गई। कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले युवाओं के लिए 5 लाख नौकरियों का वादा किया था। साथ ही अपनी पहली कैबिनेट में 1 लाख नौकरियों देने की घोषणा की थी, लेकिन दो साल में केवल 15,000 नौकरियां ही दी जा सकी हैं।  जिससे सरकार के दावों पर सवाल उठने लगे हैं।

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