शिमला। हिमाचल प्रदेश के सैकड़ों बेरोजगार युवा शिमला में नौकरी की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदेशभर के बेरोजगार युवा नौकरी की मांग को लेकर प्रदेश सचिवालय की ओर बढ़ रहे हैं। बेरोजगार युवाओं ने हाथों में नारे लिखी हुई तख्तियां पकड़ी हुई हैं।
बेरोजगार युवाओं का प्रदर्शन जारी
यह बेरोजगार युवा पुरानी परीक्षाओं के लटके रिजल्ट घोषित करने, नई नौकरी निकालने, आउटसोर्स भर्ती बंद करने और रिटायर अधिकारियों व कर्मचारियों को दोबारा नौकरी देने को लेकर विरोध कर रहे हैं।
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अंदर चल रही कैबिनेट मीटिंग, बाहर प्रदर्शन
आपको बता दें कि ये बेरोजगार युवा प्रदेश सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, प्रदेश सचिवालय के अंदर कैबिनेट मीटिंग शुरू हो गई है।
प्रियंका के वादे को दिलाएंगे याद
बेरोजगार युवाओं का कहना है कि साल 2022, दिसंबर के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पांच साल में 5 लाख नौकरियां देने का वादा किया था। अभी तक सरकार को सत्ता में आए हुए डेढ़ साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। मगर अब तक कमीशन के माध्यम 1400 के करीब युवाओं की नौकरी दी गई है और 10 हजार पद आउटसोर्स पर भरे गए हैं।
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नहीं हो रही नई भर्तियां शुरू
युवाओं का कहना है कि स्टाफ सिलेक्शन कमीशन भंग होने के कारण नई भर्तियां शुरू नहीं हो पा रही हैं। वहीं, नया राज्य चयन आयोग पूरी तरह फंक्शनल नहीं हो पाया है। जिसके कारण कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए पदों पर भी भर्तियां शुरू नहीं हो पा रही हैं।
लाखों युवाओं को सता रहा डर
उनका कहना है कि भर्तियां ना होने के कारण सूबे का आठ लाख से ज्यादा युवा परेशान है। इन युवाओं में हजारों युवा ऐसे हैं- जिन्हें ओवर-एज होने का डर सता रहा है।
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आउटसोर्स भर्ती का विरोध
युवाओं का कहना है कि कांग्रेस जब विपक्ष में थी तो आउटसोर्स भर्ती का लगातार विरोध कर रही थी और पक्की नौकरी देने का वादा करके सत्ता में आई थी। मगर अब कांग्रेस खुद आउटसोर्स पर भर्तियां कर रही है।
राज्य में 60 हजार पद पड़े हैं खाली
बेरोजगार युवाओं का दावा है कि RTI के तहत मिली सूचना के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में सरकारी विभागों में लगभग 60 हजार पद खाली पड़े हैं। जबकि, विधानसभा चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी ने इन पदों को जल्द भरने का वादा किया था।
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काफी परेशान है बेरोजगार युवा
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के सत्ता में आते ही प्रदेश में स्टाफ सिलेक्शन कमिशन में पेपर लीक फर्जीवाड़ा सामने आया। जिसके चलते प्रदेश की सुक्खू सरकार ने इसे भंग कर दिया। उस वक्त CM सुक्खू ने भर्तियों में धांधलियां रोकने के लिए बेरोजगारों से चार महीने का समय मांगा था। मगर अभी तक नया आयोग फंक्शनल नहीं हो सका है। जिसके चलते बेरोजगार युवा काफी परेशान है।