ऊना। हिमाचल के ऊना जिला के शहीद जवान दिलावर खान का आज गुरुवार को उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। सेना के जवानों ने शहीद को सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर दिया। बेटे की पार्थिव देह जैसे ही घर पहुंची तो मां उससे लिपट गई। वहीं पत्नी ने भी पति को दुलार किया।
28 साल की उम्र में पाई शहादत
दिलावर खान श्रीनगर के कुपवाड़ा में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गया था। 28 वर्षीय दिलावर खान 28 आरआर में नायक के पद पर तैनात थे। आज दोपहर दो बजे के करीब उनकी पार्थिव देह तिरंगे में लिपटी बंगाणा उपमंडल के उनके पैतृक गांव घरवासड़ा पहुंची।
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बूढ़े माता-पिता पत्नी और बच्चे को छोड़ गए बेसहारा
जैसे ही दिलावर खान की पार्थिव देह उनके घर पहुंची हर तरफ चीख पुकार मच गई। इस दौरान भारी संख्या में लोग शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे थे। घर के गमगीन माहौल को देख कर हर किसी की आंख नम हो गई। शहीद दिलावर के घर में बूढ़े माता पिता के अलावा पत्नी और एक मासूम बेटा रह गए हैं। दिलावर खान की शादी अभी कुछ ही वर्ष पहले हुई थी।
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2014 में हुए थे सेना में भर्ती
दिलावर खान का जन्म 1996 में हुआ था। वह 20 दिसंबर 2014 को मात्र 18 साल की उम्र में सेना में भर्ती हो गए थे। देश सेवा का सपना लिए लिए दिलावर ने देश की सुरक्षा में अपनी प्राणों की आहुति दे दी। दिलावर खान की पार्थिव देह श्रीनगर से आदमपुर (पंजाब) लाई गई,जहां से देह को सेना के वाहन में पैतृक गांव घरवासड़ा लाया गया।
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राजकीय सम्मान से दी अंतिम विदाई
सेना के जवानों ने राजकीय सम्मान के साथ शहीद को सलामी दी और गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस दौरान नमाज.ए.जनाजा अदा करके शहीद को सुपुर्द.ए.खाक किया गया। पूरे वातावरण में शहीद दिलावर खान के बलिदान की गूंज थी। वहां मौजूद हर शख्स की आंख नम थी, लेकिन गांव के बेटे के लिए गर्व भी था।