शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने कम संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने का निर्णय लिया है, जिसका ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के प्राथमिक विद्यालयों के छोटे बच्चों पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। मर्ज किए गए स्कूलों की लंबी दूरी और जंगलों से होकर गुजरने वाले रास्तों के कारण बच्चे वहां जाने से डरते हैं।
हाईकोर्ट पहुंचा मामला
इस फैसले के खिलाफ ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने अदालत का रुख किया है, जिससे संबंधित मामलों की संख्या हाईकोर्ट में बढ़ रही है। हाल ही में एक ऐसे ही मामले में, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक प्राथमिक स्कूल के विलय पर रोक लगा दी है।
यह भी पढ़ें: हिमाचल : स्कूल बस और पंजाब रोडवेज में टक्कर, मची चीख-पुकार
हाईकोर्ट ने लगाई रोक
सरकार ने शिमला जिले के अंतर्गत आने वाले राजकीय प्राथमिक विद्यालय जगुनी, डाकघर डंसा, तहसील रामपुर बुशहर को राजकीय प्राथमिक विद्यालय कराली में विलय करने के आदेश जारी किए थे। इस पर न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की पीठ ने रोक लगा दी है।
याचिका में लगाई थी गुहार
जगुनी निवासी बीर सिंह द्वारा दायर याचिका में सरकार के 17 अगस्त के आदेशों को चुनौती दी गई थी, जिसमें कहा गया कि जगुनी से कराली स्कूल की दूरी लगभग ढाई किलोमीटर है और वहां तक बच्चों को पहुंचने में कठिनाई होगी।
यह भी पढ़ें: हिमाचल : बच्चों के साथ स्कूल से लौट रहा था शिक्षक, खाई में गिर गई कार
खराब रास्तों से कैसे स्कूल तक पहुंचेंगे बच्चे
बच्चों को पहाड़ी से उतरकर कच्चे रास्तों से होकर गुजरना पड़ेगा, जो खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा, जंगल के रास्ते से गुजरने में जंगली जानवरों का भी डर है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर को होगी।