मंडी। हिमाचल प्रदेश में बदलते मौसम के साथ कई बीमारियां भी दस्तक दे रही हैं। मगर इस बीच प्रदेश के जिला मंडी से एक अत्यंत चिंतनीय विषय सामने आया है। जहां उपमंडल करसोग के तहत आती ग्राम पंचायत साहज के एक गांव में जंगली फलों के बीज खाने से एक दर्जन से अधिक स्कूली बच्चों तबीयत इस कदर बिगड़ गई कि उन्हें उपचार के लिए प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल IGMC शिमला ले जाना पड़ा।
13 बच्चों ने खाए थे जंगली फलों के बीज
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जानकारी के अनुसार, स्कूल से घर लौटते समय इन 13 बच्चों ने जंगली फलों को तोड़कर उनके बीज खा लिए जिसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई। अचानक इन बच्चों को उल्टियां होने लगीं और उनका घर पहुंचना मुश्किल हो गया। इस दौरान वहां से जा रहे कुछ राहगीरों ने बच्चों की बिगड़ती हालत देखी और उनके परिजनों व स्कूल स्टाफ को सूचित किया।
SMC अध्यक्ष भी पहुंचे मौके पर
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सूचना मिलते ही प्राइमरी स्कूल के SMC अध्यक्ष गुलाब सिंह और हाई स्कूल गुजरोधार के SMC अध्यक्ष तोता राम अन्य अभिभावकों के साथ मौके पर पहुंचे और उन सभी बच्चों को निजी वाहनों में बिठाकर जिला शिमला के सुन्नी स्थित नागरिक अस्पताल ले जाया गया।
ये बच्चे हुए थे बीमार
मयूर उम्र 07 साल
प्रीति उम्र 9 साल
तमन्ना उम्र 10 साल
साक्षी उम्र 10 साल
मनदीप उम्र 10 साल
मोहित उम्र 11 साल
पांशुल उम्र 12 साल
पायल उम्र 13 साल
हर्षा उम्र 13 साल
ज्योति उम्र 13 साल
युवराज उम्र 13 साल
ईशान उम्र 13 साल
प्रिया उम्र 15 साल
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IGMC शिमला में सुधरी बच्चों की हालत
सुन्नी अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें प्राथमिक उपचार दिया और उन्हें वहां से IGMC शिमला रेफर कर दिया। बीते शुक्रवार की रात सभी बच्चों को IGMC में भर्ती किया गया और अगले दिन शनिवार देर शाम को सभी बच्चों की हालत स्थिर होते ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
SDM बोले दी जाएगी राहत राशि
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मामले की पुष्टि करते हुए कार्यकारी SDM एवं तहसीलदार डॉ. वरुण गुलाटी ने बताया कि, मामला ध्यान में आते ही करसोग पुलिस को अवगत करवाया गया। जिसके बाद पुलिस जांच में जुटी है। साथ ही संबंधित एरिया के राजस्व कर्मचारी को अस्पताल में हुए बच्चों के इलाज की जानकारी जुटाने को कहा गया है। जिसके बाद रिलीफ मैनुअल के आधार पर उन्हें राहत राशि प्रदान की जाएगी।