शिमला। हिमाचल प्रदेश में डिपुओं के माध्यम से सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठाने वाले लाखों APL परिवारों के लिए एक अच्छी खबर आई है। केंद्र सरकार ने गेहूं और चावल के कोटे में 410 मीट्रिक टन की कटौती की है, लेकिन प्रदेश सरकार ने अगले महीने यानी अक्टूबर में डिपुओं में राशन की मात्रा में कोई कमी नहीं की है। इस महीने APL परिवारों को 14 किलो आटा और 6 किलो चावल प्रति राशन कार्ड दिया जाएगा।
नहीं घाटा राशन का कोटा
बता दें कि प्रदेश सरकार ने पिछले साल अगस्त 2023 से APL परिवारों को दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा को नहीं घटाया है। इससे पहले, हिमाचल में हर दो से तीन महीने में सस्ते राशन के कोटे में कमी और फिर से वृद्धि की जाती थी, लेकिन अब एक साल से राशन की मात्रा में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह स्थिरता लाखों APL परिवारों के लिए एक राहत की बात है।
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महंगाई में APL परिवार को राहत
हालांकि, राज्य में खाद्य वस्तुओं की कीमतें खुले बाजार में आसमान छू रही हैं। मांग और आपूर्ति में असंतुलन के कारण यह स्थिति पैदा हुई है, जिससे उपभोक्ताओं की डिपुओं पर निर्भरता बढ़ गई है। ऐसे में, सस्ते राशन का निरंतर उपलब्ध रहना APL परिवारों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है।
केंद्र से आया इतना राशन
केंद्र ने अक्टूबर महीने के लिए सस्ते राशन का कुल आवंटन 20,542 मीट्रिक टन किया है। इसमें 14,179 मीट्रिक टन गेहूं और 6,363 मीट्रिक टन चावल शामिल हैं। यह आवंटन सितंबर महीने के लिए दिए गए राशन की तुलना में कम है, जिसमें केंद्र ने 20,952 मीट्रिक टन राशन का आवंटन किया था। उस समय हिमाचल को 14,490 मीट्रिक टन गेहूं और 6,462 मीट्रिक टन चावल मिला था।
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हिमाचल प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19,65,589 है। इनमें APL परिवारों की संख्या 12,24,448 है, जिसमें 11,52,003 APL कार्ड धारक शामिल हैं। इसके अलावा, 72,445 APL परिवार टैक्स पेयर हैं। इस तरह, APL और टैक्स पेयर कार्ड धारकों की कुल आबादी 44,19,312 है, जिसमें अकेले APL परिवारों की संख्या 41,26,583 है, जबकि टैक्स पेयर की आबादी 2,92,729 है।
कुल मिलाकर, इस नई राशन नीति के तहत APL परिवारों को दी जा रही राहत से उनकी आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार की उम्मीद की जा रही है। प्रदेश सरकार की यह पहल निश्चित रूप से उन परिवारों के लिए राहत लेकर आई है, जो महंगाई के इस दौर में सस्ते राशन पर निर्भर हैं।