मंडी। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के मौजूदा और सेवानिवृत्त कर्मचारियों में सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है। रिटायर्ड कर्मचारियों का आरोप है कि पहले जयराम सरकार ने 125 यूनिट मुफ्त बिजली देकर बिजली बोर्ड की वित्तीय स्थिति को कमजोर कर दिया और अब सुक्खू सरकार भी उसी रास्ते पर दो कदम आगे चल रही है।
पेंशन व अन्य वित्तीय लाभ देने में विफल रही सरकार
जानकारी के अनुसार, जिला मंडी में हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स फोरम के बैनर तले हुई गेट मीटिंग में प्रदेशभर से सैकड़ों पेंशनर्स ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर पेंशनर्स फोरम के अध्यक्ष केएस गुप्ता ने आरोप लगाया कि सरकार पेंशनर्स को समय पर पेंशन और अन्य वित्तीय लाभ देने में विफल रही है। उनका कहना है कि किसी भी सरकार ने न बोर्ड के कर्मचारियों की सुध ली है और न ही पेंशनर्स की।
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बिजली बोर्ड प्रबंधन को भी चेताया
उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि सरकार ने 75 वर्ष से अधिक उम्र के रिटायर्ड कर्मचारियों को पूरा एरियर देने का ऐलान किया है लेकिन बिजली बोर्ड प्रबंधन ने इसे अभी तक जारी नहीं किया है। यह पेंशनर्स का अधिकार है जिसे सरकार और बोर्ड प्रबंधन को देना ही होगा।
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12 नवंबर को होगी बोर्ड प्रबंधन के साथ बैठ
फोरम के महासचिव चंद्र सिंह मंडयाल ने भी सुक्खू सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार भी पूर्ववर्ती सरकार की तरह बिजली बोर्ड की स्थिति को कमजोर कर रही है। उन्होंने बताया कि 12 नवंबर को फोरम के प्रतिनिधियों की बोर्ड प्रबंधन के साथ बैठक होनी है।
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सड़क पर उतरने के लिए भी तैयार
उन्होंने कहा कि, यदि इस बैठक में पेंशनर्स के हित में फैसला नहीं लिया गया तो पेंशनर्स आंदोलन का रुख अपनाने से नहीं हिचकिचाएंगे और अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतरने के लिए भी तैयार हैं।