शिमला। हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में पूरे देश में 20 साल पहले तीसरे स्थान पर आता था। हाल ही में हुए नेशनल अचीवमेंट सर्वे में प्रदेश का रैंक 18वें नंबर पर पहुंच गया है। शिक्षा के स्तर में आई गिरावट का मूल कारण है प्रदेश के सरकारी स्कूल में शिक्षकों की कमी। सरकारी स्कूलों में आज दिन तक भी 5481 पद खाली चल रहे हैं। किसी स्कूल में एक भी अध्यापक नहीं तो कहीं, 1 अध्यापक के सहारे पूरा स्कूल चल रहा है।
JBT के पद रिक्त
शिक्षा विभाग द्वारा पेश किए गए डेटा में सामने आया है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में JBT के सबसे ज्यादा पद खाली हैं। आकंडों के अनुसार, स्कूलों में JBT के 4457 पद खाली हैं। शिक्षा विभाग के अनुसार JBT कमीशन के तहत शिक्षकों के 2200 पद भरने की तैयारी भी शुरू कर दी है।
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TGT-PGT शिक्षक के इतने पद खाली
प्रदेश के स्कूलों में TGT मेडिकल की 261, TGT नॉन मेडिकल की 531, PGT बायोलॉजी की 91, PGT फिजिक्स की 141 और JBT की 4457 पदों पर रिक्तियां चल रही है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने ये आंकड़ा सदन में भी पेश किया है। उन्होंने कहा है कि कुछ पदों पर भर्तियां होनी है, इस बारे हमीरपुर राज्य चयन आयोग को पत्र भी लिखा गया है।
शिक्षकों की कमी के चलते घटी छात्रों की संख्या
प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़ों पर नजर दौड़ाते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि साल 2003 में पहली से पांचवीं कक्षा तक पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 5.90 लाख थी, अब ये संख्या 2.99 तक सीमित रह चुकी है। वहीं, मिडल और सीनियर सेकेंडरी स्कूल की तो हालत ही खस्ता है।
मिडल में पहले दाखिले 3.81 लाख थे, अब वहां की संख्या 2.05 लाख हो गई और इसी प्रकार नौवीं से बारहवीं कक्षा के स्कूलों में 2.84 लाख दाखिले थे जो अब 1.36 लाख रह चुके है। शिक्षा मंत्री ने कहा की यदि ये क्रम यूं ही चलता रहा तो जल्द ही कई सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे।
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व्यवस्था को मजबूत करना जरूरी
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आगे कहा कि प्रदेश में एक समय ऐसा था जब जीवन कठिन था उस समय शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार करने की जरूरत थी, अब समय कुछ और मांग कर रहा है। ऐसे में अब व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि 20 साल में प्राइमरी की छात्र संख्या आधी रह गई है। अब समय शिक्षा व्यवस्था और इसके ढांचे को मजबूत करने का है, ताकि एक बार फिर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जाए।
प्राइवेट स्कूलों की ओर अभिभावकों का मोह
रोहित ठाकुर ने आगे कहा कि सरकारी स्कूलों से अभिभावकों का मोह भंग होता देखा जा रहा है। बच्चों को अभिभावक प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाना उचित समझ रहे हैं। पिछली सरकार ने चुनाव के समय 400 नए संस्थान खोले थे, लेकिन व्यवस्था की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। ऐसे में वर्तमान सरकार को कठोर कदम उठाने पढ़े हैं।
अभी तक इतने पदों पर भर्ती
हिमाचल प्रदेश प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के अनुसार बैचवाइज काउंसलिंग के आधार पर जेबीटी शिक्षकों के 1122 पद भर दिए गए हैं। वहीं टीजीटी के 1049 पदों को भी शिक्षा विभाग द्वारा भरा गया है।