शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के वोकेशनल शिक्षकों की लंबी लड़ाई के बाद उन्हें बड़ी राहत देते हुए साल में 30 दिनों का अवकाश प्रदान करने का निर्णय लिया है। सचिवालय में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई।
शिक्षकों की अन्य मांगों को लेकर भी हुई चर्चा
बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षकों की छुट्टियों को लेकर उनकी मांगों पर विचार किया गया और इसके आधार पर यह निर्णय लिया गया है। साथ ही व्यावसायिक शिक्षकों की अन्य मांगों को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई।
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राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के अधीन लाने की भी है मांग
शिक्षकों ने कंपनियों के माध्यम से काम करने की बजाय उन्हें हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के अधीन लाने की मांग की थी। इस पर हरियाणा समेत अन्य राज्यों के मॉडलों का अध्ययन करने के लिए समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा की अध्यक्षता में एक उपसमिति का गठन किया गया है।
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कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सरकार लेगी निर्णय
इस कमेटी में शिक्षा विभाग के सह सचिव और व्यावसायिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधि शामिल होंगे। कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सरकार आगे का निर्णय लेगी जिसे मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अलावा शिक्षकों को एक और राहत दी गई है।
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वोकेशनल शिक्षकों के लिए नियुक्ति की आयु सीमा भी बढ़ाई
अब तक वोकेशनल शिक्षकों के लिए नियुक्ति की अधिकतम आयु सीमा 37 वर्ष थी जिसे बढ़ाकर अब 45 वर्ष कर दिया गया है। साथ ही यदि शिक्षकों को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में स्थानांतरित किया जाता है तो इसे नई नियुक्ति नहीं माना जाएगा। उन्हें दूसरी कंपनी में वही वेतन मिलेगा जो पहले मिल रहा था।