शिमला। हिमाचल प्रदेश के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में ताजा बर्फबारी दर्ज की गई है। कुल्लू और लाहौल घाटी में मौसम ने करवट बदली और ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी शुरू हो गई है। इस बर्फबारी के साथ शीतलहर में भी वृद्धि हुई है। वहीं, लाहौल घाटी में रात का तापमान माइनस से नीचे पहुंच गया है। जिसके कारण झरनों, नदी-नालों के साथ अब नल भी जमने लगे हैं। बर्फबारी की वजह से कुल्लू घाटी भी ठंड की चपेट में आ गई है।
चोटियां बर्फ से सफेद, शीतलहर का प्रकोप
बता दें कि रोहतांग दर्रा, कुंजम दर्रा, बारालाचा और उदयपुर की ऊंची चोटियां भी अब बर्फ से सफेद हो चुकी हैं। लाहौल घाटी में शीतलहर के प्रकोप के कारण लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं। हालांकि, शिमला और अन्य निचले क्षेत्रों में मौसम अभी भी साफ बना हुआ है।
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क्या रहेगा मौसम का हाल
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, 4 से 7 दिसंबर तक राज्य में मौसम साफ रहने का अनुमान है। इसके बाद 8 और 9 दिसंबर को फिर बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने राज्य के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में ताजा बर्फबारी के साथ शीतलहर के प्रकोप को लेकर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
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सेब के बागों पर संकट, वूली एफिड कीट का हमला
सूखे के कारण सेब के बाग भी खतरे में हैं। बागों में नमी की कमी हो गई है और सूखा वूली एफिड कीट के हमले का कारण बन गया है, जिससे सेब की फसल पर संकट मंडरा रहा है। आमतौर पर बर्फबारी सेब के बागों के लिए लाभकारी होती है, क्योंकि यह कीटों और बीमारियों से बचाव करती है, लेकिन इस साल बर्फबारी तो दूर बारिश भी नहीं हो रही है।
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मानसून और बाद की बारिश में कमी
इस साल प्रदेश में मानसून और मानसून के बाद की बारिश सामान्य से काफी कम रही है। मानसून के दौरान 19 फीसदी कम बारिश हुई, जबकि मानसून के बाद के सीजन में तो 98 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई। 1 अक्टूबर से 29 नवंबर तक प्रदेश में केवल 0.7 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य बारिश 44 मिमी होने की संभावना थी।