ऊना। हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में सरकार ने पहले एक सेवानिवृत्त हो चुके पटवारी को रिजोइनिंग दी और फिर उनका तबादला कर दिया। जिसके खिलाफ पटवारी ने कोर्ट का रुख किया और अब हाई कोर्ट में तबादले पर रोक लगा दी है साथ ही प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब भी मांगा है।
बता दें कि प्रदेश सरकार पहले ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों को री - इंगेजमेंट दिए जाने पर बेरोजगारों का रोष झेल रही है। उसपर अब इस मामले के कोर्ट में जाने से सरकार के सामने एक और परेशानी खड़ी हो गई है।
कोर्ट ने क्या कहा
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने याचिका कर्ता पटवारी ज्ञान सिंह की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए उन्हें दिए गये तबादला आदेशों पर रोक लगा दी है। पटवारी ने याचिका पर कहा था की री - इंगेजमेंट करने की शर्तों में तबादला किए जाने जिक्र नहीं है।
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हाई कोर्ट ने री-अंगेज किए गए पटवारी के नियुक्ति पत्र का अवलोकन किया। जिसके बाद अदालत ने पाया की कि री-अंगेज किए गए कर्मचारी का तबादला किसी अन्य स्थान के लिए भी किया जा सकता है। इस मामले में अब सरकार से जवाब मांगा गया है।
पटवारी ज्ञान चंद की याचिका
प्रार्थी ज्ञान चंद के मुताबिक उनका तबादला पटवारी एवं कानूनगो री-इंगेजमेंट पॉलिसी के तहत किसी अन्य स्थान के लिए नहीं किया जा सकता है। अदालत ने इस कानूनी स्थिति को देखते हुए प्रतिवादी राजस्व विभाग को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं कि प्रार्थी और निजी प्रतिवादी अपने - अपने नियुक्ति वाले स्थानों पर कार्य करते रहें।
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क्या है पूरा मामला
सेवानिवृत पटवारी ज्ञान चंद को री- इंगेज किए जाने के बाद उन्हें ऊना जिला की अंब तहसील के पटवार सर्कल पटेहड़ में तैनाती दी थी।हाल ही में 16 सितंबर को उनका तबादला जिला ऊना के ही पटवार सर्कल अम्बेहड़ा उप तहसील जोल के लिए कर दिया गया था। जिसके बाद पटवारी ज्ञान चंद ने कोर्ट का रुख किया।