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September 7, 2024

बंद पड़े स्कूलों के शिक्षकों के सरकार ने बदले स्टेशन, अब यहां देनी होगी तैनाती

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों को बंद करने और मर्ज करने का सिलसिला जारी है। 5 या 5 से कम विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों को बंद करने के बाद वहां पर तैनात शिक्षकों को भी अलग स्टेशन दे दिए गए हैं। बता दें कि शिक्षा विभाग द्वारा 65 मिडिल स्कूलों में तैनात TGT शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में ट्रांसफर कर दिया गया है।

शिक्षकों को मिला नया स्कूल

प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से इन तमाम शिक्षकों को ट्रांसफर के आदेश जारी कर दिए गए हैं। आदेशों में लिखा है कि यह सभी TGT वहां सेवाएं देंगे जहां स्कूलों को मर्ज किया गया है। यानि अब शिक्षकों का नया ठिकाना दूसरे स्कूल जहां पर कम एनरोलमेंट वाले बच्चों को मर्ज किया गया है, वहां पर होगा। यह भी पढ़ें: हिमाचल में ये लोग फूंक सकेंगे 300 यूनिट फ्री बिजली, CM सुक्खू बोले बड़ी बात

400 से अधिक स्कूल मर्ज

बता दें कि पिछले कुछ ही दिनों में प्रदेश सरकार ने शिक्षा विभाग में 400 से अधिक स्कूलों को कम एनरोलमेंट के चलते बंद कर दिया था। इसके बाद स्टाफ की तैनाती को लेकर सवाल खड़ा हो गया। अब सरकार द्वारा 65 मिडिल स्कूलों में तैनात शिक्षकों को दूसरे स्कूल जाने का आदेश जारी कर दिया है।

यह पहला ट्रांसफर ऑर्डर

बता दें कि मर्ज किए गए स्कूलों के बाद विभाग ने बड़ी मशक्कत के बाद यह पहला ट्रांसफर आर्डर जारी कर दिया है। इन सभी TGT शिक्षकों को अपने नए स्टेशनों में जॉइनिंग देनी होगी। अभी का ट्रांसफर केवल मिडिल स्कूल के अध्यापकों का हुआ है। यह भी पढ़ें: फोन सुनते फिसला पैर- सीधे खाई में गिरे मंत्री के सहयोगी पिंटू जिंटा

कम होगी स्टाफ की कमी

स्कूल में इन शिक्षकों की तैनाती के बाद स्टाफ की कमी दूर हो जाएगी। इससे बच्चों की पढ़ाई पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। वहीं इसके बाद अब प्राइमरी स्कूल और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में बंद हुए स्कूलों के स्टाफ को भी दूसरे स्टेशनों में नियुक्ति दी जाएगी। जिसके लिए विभाग ने लिस्ट बनाना शुरू कर दिया है।

कैबिनेट में हुआ था फैसला

कैबिनेट बैठक में 99 प्राथमिक स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया था। इन स्कूलों में छात्रों की संख्या जीरो थी। वहीं  पांच से कम विद्यार्थी संख्या वाले करीब 400 स्कूलों को नजदीकी क्लस्टर विद्यालयों में मर्ज करने का फैसला लिया था। इसी तर्ज पर प्रदेश के मिडल स्कूल भी मर्ज हुए। तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले कम बच्चों वाले स्कूलों का विलय हुआ। जिसके बाद अध्यापकों के लिए नए स्टेशन दिए गए।

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