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September 25, 2024

संजौली मस्जिद मामले में पुलिस अफसर का बेटा भी पत्थरबाज, 500 लोगों पर 8 FIR

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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद विवाद को लेकर हुए प्रदर्शन में पुलिस द्वारा लगातार FIR दर्ज करवाई जा रही है। वहीं, इस प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं हुईं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग करते हुए लाठियां भांजी और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। अब पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ है कि यह प्रदर्शन पूरी तरह से सुनियोजित था।

सुनियोजित प्रदर्शन की पुष्टि

पुलिस के अनुसार, प्रदर्शन की योजना पहले से बनाई गई थी और यह शांतिपूर्ण नहीं था। इस प्रदर्शन में शामिल लगभग 400-500 लोगों के खिलाफ 8 FIR दर्ज की गई हैं, जिनमें से करीब पौने 200 की पहचान की जा चुकी है। शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी ने बताया कि 70 से 80 पत्थरबाजों की भी पहचान हो चुकी है और उनकी गिरफ्तारी जल्द की जाएगी। यह भी पढ़ें: हिमाचल : बच्चा गोद देने के नाम पर ठगी, एडवांस में लिए पैसे और फिर मुकरा

पुलिस अधिकारी का बेटा भी शामिल

जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने जनभावनाओं का फायदा उठाया। हालांकि अधिकांश लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते थे, कुछ ने जानबूझकर स्थिति को हिंसक बना दिया। खास बात यह है कि पत्थरबाजी में एक पुलिस अधिकारी का बेटा भी शामिल है। पुलिस अब इस घटना के पीछे धनबल और राजनीतिक साजिश की संभावनाओं की जांच कर रही है।

सोशल मीडिया का इस्तेमाल

SP संजीव कुमार गांधी ने बताया कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके लोगों को प्रदर्शन के लिए बुलाया गया था। इस दौरान, पुलिस पर पत्थर फेंकने वाले CCTV फुटेज में कैद हुए हैं, जिसमें यह भी देखा गया कि कैसे लोग पत्थर जेबों में भर रहे थे। यह भी पढ़ें: आज HC को मिलेंगे नए चीफ जस्टिस, 1 महीने से कम का रहेगा कार्यकाल एसपी ने कहा कि कुल 8 मामले दर्ज किए गए हैं और सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पत्थरबाजों और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की पहचान कर ली गई है, और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुख्ता सबूत जुटाने के बाद ही गिरफ्तारियां की जाएंगी और साजिश का पर्दाफाश किया जाएगा।

अवैध निर्माण का मामला

गौरतलब है कि संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण का मामला नगर निगम शिमला के कमिश्नर की अदालत में विचाराधीन है, जिसकी सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी। यह मामला न केवल स्थानीय समुदाय में बल्कि प्रशासन में भी चर्चा का विषय बना हुआ है । वहीं, इस विवाद के बीच प्रदेश के कई जिलों में मस्जिद विवादों की घटनाएं सामने आ रही है। पेज पर वापस जाने के लिए यहां क्लिक करें
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